बिहार में मतदाता सूची पर अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने नहीं दर्ज कराई आपत्ति: चुनाव आयोग
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: बिहार में मतदाता सूची को लेकर जारी विवाद के बीच शुक्रवार को भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने स्पष्ट किया कि राज्य की मसौदा मतदाता सूची को लेकर अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने कोई दावा या आपत्ति दर्ज नहीं कराई है। आयोग ने बताया कि अब तक सीधे मतदाताओं से 6,257 दावे प्राप्त हुए हैं, लेकिन किसी भी राजनीतिक पार्टी की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
निर्वाचन आयोग ने बार-बार यह आश्वासन दिया है कि अंतिम मतदाता सूची में कोई पात्र मतदाता छूटेगा नहीं और कोई अपात्र व्यक्ति शामिल नहीं होगा। आयोग ने सभी से अपील की है कि अगर किसी तरह की त्रुटि या विसंगति हो, तो “दावे और आपत्तियां” दर्ज कराई जाएं। 1 अगस्त को मसौदा सूची प्रकाशित की गई थी, जो SIR 2025 के तहत गणना चरण के पूरा होने के बाद जारी की गई थी।
हालांकि, दावे और आपत्तियों की समयावधि शुरू हुए एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन आयोग के अनुसार किसी भी राजनीतिक दल ने अब तक एक भी दावा या आपत्ति प्रस्तुत नहीं की है। आयोग द्वारा जारी प्रेस नोट में बताया गया कि अब तक प्राप्त दावों और आपत्तियों की संख्या 6,257 है, जो सीधे मतदाताओं से मिली हैं। वहीं, 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नए मतदाताओं से प्राप्त फॉर्म की संख्या अब तक 36,060 है।
आयोग ने यह भी कहा है कि नए नियमों के अनुसार, मतदाता द्वारा प्रस्तुत किसी भी दावे या आपत्ति का निपटारा संबंधित निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ERO) या सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (AERO) द्वारा सात दिनों की अवधि पूरी होने के बाद किया जाएगा। SIR आदेशों के तहत, 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित मसौदा सूची से किसी भी नाम को बिना जांच और उचित सुनवाई के हटाया नहीं जा सकता, और इसके लिए ERO/AERO द्वारा एक स्पष्ट आदेश पारित किया जाना अनिवार्य है।
21 और 22 जुलाई को राज्य के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के बूथ स्तरीय एजेंट्स (BLA) को अनुपस्थित, मृत और स्थानांतरित (ADS) मतदाताओं की सूची सौंपी गई थी। 1 अगस्त को मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ ही बूथवार और निर्वाचन क्षेत्रवार अप्रमाणित मतदाताओं की सूची भी राजनीतिक प्रतिनिधियों को सौंप दी गई थी।
निर्वाचन आयोग के अनुसार इस संपूर्ण प्रक्रिया में छह राष्ट्रीय और छह राज्य स्तरीय दलों के कुल 1,60,813 बूथ स्तरीय कार्यकर्ता शामिल रहे। इनमें भारतीय जनता पार्टी के 53,338, कांग्रेस के 17,549, राष्ट्रीय जनता दल के 47,506 और जनता दल (यूनाइटेड) के 36,550 कार्यकर्ता शामिल हैं। आयोग का कहना है कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ संपन्न हो रही है और सभी संबंधित पक्षों से सक्रिय भागीदारी की अपेक्षा है।