प्रियंका चोपड़ा जोनस ने साझा की ‘बर्फी’ में झिलमिल की भूमिका मिलने की दिलचस्प कहानी

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जोनस, जो हाल ही में स्ट्रीमिंग फिल्म ‘हेड्स ऑफ स्टेट’ में नजर आईं, ने अपने करियर की सबसे भावुक भूमिकाओं में से एक — ‘बर्फी!’ की झिलमिल — को लेकर एक दिल छू लेने वाला किस्सा साझा किया है।
शनिवार को प्रियंका ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर ‘बर्फी!’ के कुछ दृश्यों का एक वीडियो शेयर करते हुए एक लंबा नोट लिखा। उन्होंने बताया कि कैसे वह यह रोल लगभग खो ही चुकी थीं, क्योंकि निर्देशक अनुराग बसु उन्हें झिलमिल के रूप में देख ही नहीं पाए थे। दरअसल, जब प्रियंका उनसे मिलने गईं, तो वह पूरी तरह से सजी-धजी थीं, जिससे निर्देशक को लगा कि वह इस भूमिका के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
प्रियंका ने लिखा, “जनवरी 2009 में न्यूयॉर्क में ‘अंजाना अंजानी’ की शूटिंग के दौरान रणबीर कपूर ने अपनी अगली फिल्म ‘बर्फी!’ का जिक्र किया, जो अनुराग बसु सर के साथ थी — एक ऐसे फिल्ममेकर जिनकी मैं बहुत इज्जत करती हूं। जब सर ने मुझे झिलमिल का रोल ऑफर किया, तो मैं बहुत उत्साहित हुई। हम मेरे मुंबई वाले घर में मिले, मैं किसी इवेंट से आई थी और पूरे गेटअप में थी। उन्होंने मुझे देखा और बोले, ‘मैं तुम्हें झिलमिल के रूप में देख ही नहीं पा रहा हूं।’ मुझे समझ आया, और मैंने भी सोचा कि अगर मैं ठीक से निभा नहीं पाई तो यह किरदार बर्बाद हो जाएगा। हमने 5 दिनों की वर्कशॉप करने का फैसला किया।”
प्रियंका ने वर्कशॉप के अनुभव को भी साझा करते हुए लिखा कि किस तरह उन्हें अनुराग बसु ने एक दिन भद्दी हिंदी गालियां देने को कहा, ताकि वह अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर आ सकें। “मैं शर्मिंदा थी, लेकिन कोशिश की — वह पल बहुत मजेदार और आज़ाद कर देने वाला था। हमने बहुत रिसर्च की — किताबें पढ़ीं, वीडियो देखे, स्पेक्ट्रम पर बच्चों से मिले, और उनके अंधेरी के ऑफिस में कई एक्सरसाइज़ किए। इन वर्कआउट्स के बाद झिलमिल का जन्म हुआ। फिल्म के ज्यादातर सीन इम्प्रोवाइजेशन थे।”
उन्होंने आगे लिखा, “यह उन आखिरी बारों में से था जब मेरे पापा मुझे सेट पर मिलने आए थे। ‘बर्फी!’ मेरे लिए एक खजाना है — उसकी क्रिएटिविटी, टीम, और उन चुनौतियों की खुशी के लिए जो हमने साथ में झेली। रवि वर्मन की सिनेमैटोग्राफी किसी कविता जैसी थी। इलियाना डीक्रूज़ ने श्रुति के किरदार को बेहद खूबसूरती से निभाया, रणबीर कपूर हमेशा की तरह शानदार थे, और अनुराग सर – कोमल, प्रतिभाशाली, और मजेदार – उनका कहानी कहने का तरीका किसी जादू से कम नहीं था।”
प्रियंका ने बताया कि फिल्म की शूटिंग करीब दो साल तक चली, वह भी ब्रेक्स के साथ, और किसी को नहीं पता था कि दर्शक इसे अपनाएंगे या नहीं। लेकिन दर्शकों ने इसे खूब सराहा।
‘बर्फी!’ को भारत की ओर से ऑस्कर के लिए आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में भी भेजा गया था, हालांकि यह शॉर्टलिस्ट नहीं हो सकी। बावजूद इसके, यह फिल्म आज भी प्रियंका और दर्शकों के दिलों में एक खास जगह रखती है।
पोस्ट के अंत में प्रियंका ने लिखा, “इस नॉस्टैल्जिक शनिवार को मुझे यह सब साझा करने का मन हुआ। आप इन दिनों किस बात को याद कर रहे हैं?”
