एक थाली संयम की, एक संकल्प समाज के लिए : मनो‍ज जैन

One plate of restraint, one resolution for the society: Manoj Jainचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: जैन धर्म के सिद्धांतों अहिंसा, संयम और सात्विकता को समाज में पुनर्स्थापित करने के उद्देश्य से जैन समाज के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तु विशेषज्ञ, लाइफ कोच, ऑरा रीडर और ज्योतिष विद्वान एवं समाजसेवी मनो‍ज जैन ने प्रतिवर्ष जैन मील डे मनाने का संकल्प रखा है। इस विशेष दिवस पर संपूर्ण जैन समाज से अपील की गई है कि हर परिवार, संस्था, मंदिर, ट्रस्ट और युवा मंडल एक साथ बिना लहसुन-प्याज़ वाला शुद्ध सात्विक जैन भोजन ग्रहण करे।

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तु विशेषज्ञ, लाइफ कोच, ऑरा रीडर और ज्योतिष विद्वान एवं समाजसेवी मनो‍ज जैन के अनुसार, इस दिवस के जरिए भोजन के प्रति जागरूकता और अच्छे संस्कारों का निर्माण करना है। साथ ही बच्चों और युवाओं में सात्विकता का महत्व स्थापित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में जैन मूल्यों को व्यावहारिक जीवन में अपनाकर लोग कई प्रकार की समस्याओं को स्वतः ही समाधान कर सकते हैं। और तो और, सामूहिकता और धार्मिक एकता को मजबूत किया जा सकता है।

समाजसेवी मनो‍ज जैन ने सुझाव दिया है कि जैन मील डे को प्रतिवर्ष महावीर जयंती के दिन मनाया जाए, जो भगवान महावीर के जन्म का प्रतीक है और संयम व आहार नियंत्रण की प्रेरणा देता है। इस विशेष दिन के संदर्भ में उन्होंने बताया है कि मंदिरों में सामूहिक जैन भोज, बच्चों व युवाओं के लिए सात्विक आहार पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाना चाहिए। साथ ही सोशल मीडिया पर एक थाली संयम की अभियान शुरू की जाएगी।

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तु विशेषज्ञ, लाइफ कोच, ऑरा रीडर और ज्योतिष विद्वान मनो‍ज जैन का कहना है कि भविष्य की पीढ़ी के लिए हम एक नई परंपरा और मजबूत संस्कृति छोड़ सकते हैं। यह हमारा दायित्व भी है और सौभाग्य भी। इसके लिए हम सभी को ‘एक थाली संयम की – एक संकल्प समाज के लिए’ नारा को हर नागरिक तक पहुंचाना होगा। यह पहल न केवल जैन समाज में सात्विकता और संयम के संदेश को मजबूती देगी, बल्कि भारतीय संस्कृति में भोजन के प्रति जागरूकता का एक प्रेरणादायी उदाहरण भी बनेगी।

ज्योतिष विद्वान मनो‍ज जैन का कहना है कि आज की युवा पीढ़ी में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, मानसिक तनाव और असंतुलित जीवनशैली आम होती जा रही हैं। ऐसे समय में सात्विक और संतुलित आहार न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है। जैन मील डे इस दिशा में जागरूकता फैलाने का एक माध्यम बन सकता है। एक थाली संयम की, केवल भोजन नहीं—यह एक संकल्प है कि हम अपने जीवन में करुणा, पर्यावरण संरक्षण और आत्मानुशासन को अपनाएंगे। यह पहल समाज को यह भी याद दिलाती है कि भोजन केवल पेट भरने का साधन नहीं, बल्कि हमारे विचारों और कर्मों को भी प्रभावित करता है।

JITO के एक भव्य समारोह में संबोधित करते हुए, मनोज जैन ने ‘जैन मील डे’ मनाने का आह्वान किया। उन्होंने पूरे जैन समाज से आग्रह किया कि साल में एक दिन हम सब मिलकर शुद्ध जैन आहार के महत्व को मनाएं और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाएं।”

जरूरत है कि इस तरह के आयोजनों को केवल धार्मिक या सांस्कृतिक सीमाओं में न बांधा जाए, बल्कि इसे एक स्वास्थ्य और पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली के रूप में अपनाया जाए। अगर हर परिवार सप्ताह में एक दिन भी सात्विक भोजन का संकल्प ले, तो यह न केवल स्वास्थ्य के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *