भाजपा का बड़ा आरोप: सोनिया गांधी का नाम नागरिक बनने से पहले ही मतदाता सूची में शामिल

BJP's big allegation: Sonia Gandhi's name was included in the voter list even before she became a citizen
(File Pic: Congress/twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी पर चुनाव आयोग के साथ मिलीभगत कर मतदाता धोखाधड़ी करने के आरोपों के बीच पार्टी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दावा किया कि सोनिया गांधी का नाम 1980 से 1982 के बीच मतदाता सूची में शामिल किया गया था, जबकि उस समय वह भारतीय नागरिक नहीं थीं।

अनुराग ठाकुर का यह आरोप भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय की उस पोस्ट के बाद आया जिसमें उन्होंने एक्स पर 1980 की मतदाता सूची की एक कथित फोटोकॉपी साझा करते हुए लिखा कि सोनिया गांधी का नाम उस समय मतदाता सूची में था जब उन्होंने भारतीय नागरिकता नहीं ली थी। उन्होंने सवाल किया कि अगर यह खुला चुनावी घोटाला नहीं है, तो फिर क्या है?

मालवीय ने आरोप लगाया कि 1968 में राजीव गांधी से विवाह करने के बाद सोनिया गांधी जब इंदिरा गांधी के आधिकारिक आवास पर रह रही थीं, तब उनका नाम नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में जोड़ दिया गया था। उनका कहना है कि यह नाम 1980 के लोकसभा चुनाव से पहले सूची के पुनरीक्षण के दौरान जोड़ा गया, जो भारतीय नागरिकता कानून का स्पष्ट उल्लंघन था, क्योंकि वोटर बनने के लिए भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है।

उन्होंने दावा किया कि 1982 में जब इस पर विवाद हुआ तो उनका नाम हटाया गया, लेकिन 1983 में दोबारा जोड़ते समय भी नियमों की अनदेखी की गई, क्योंकि उस समय नागरिकता प्राप्त करने की निर्धारित तिथि 1 जनवरी थी, जबकि सोनिया गांधी को भारतीय नागरिकता अप्रैल में मिली थी।

उधर, अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में मतदाता धोखाधड़ी के आरोपों को झूठा बताया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी गलत आंकड़े पेश कर रहे हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

इन आरोपों पर कांग्रेस की ओर से तारिक अनवर ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने कभी खुद को मतदाता सूची में शामिल करने की मांग नहीं की थी और यह उस समय के चुनाव आयोग की जिम्मेदारी थी। उनका कहना था कि यह फैसला चुनाव आयोग ने खुद लिया था, न कि सोनिया गांधी ने ऐसा कोई अनुरोध किया था। जब यह पूछा गया कि क्या उस समय की केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग पर दबाव डाला था, तो उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र और संवैधानिक संस्था है, जो अपने फैसले खुद लेती है। तारिक अनवर ने यह भी आरोप लगाया कि आज चुनाव आयोग भाजपा का हिस्सा बन गया है और उसे निष्पक्ष रूप से काम करना चाहिए।

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया के बीच, कर्नाटक और महाराष्ट्र में पहले हुए कथित मतदाता धोखाधड़ी के मामलों के चलते बीते कुछ महीनों से यह मुद्दा लगातार चर्चा में बना हुआ है।

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