बिहार दौरे को लेकर मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन पर बीजेपी का तीखा हमला, ‘साहस है तो अपना बयान दोहराएं”
चिरौरी न्यूज
चेन्नई/पटना: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम.के. स्टालिन के बिहार दौरे को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है। बीजेपी ने पुराने विवादित बयानों को फिर से उठाते हुए स्टालिन को खुली चुनौती दी है कि वह बिहार में जाकर अपने बेटे और पार्टी नेताओं के “बिहारी-विरोधी” और “सनातन-विरोधी” बयानों को दोहराएं, अगर उनमें “साहस” है।
तमिलनाडु बीजेपी के प्रवक्ता नारायणन तिरुपति ने स्टालिन पर तंज कसते हुए कहा, “आप खुद को आत्मसम्मान का शेर कहते हैं, तो चलिए, बिहार जाकर कहिए कि ‘सनातन धर्म का नाश होना चाहिए’ जैसा कि आपके बेटे उदयनिधि स्टालिन ने कहा था। और यह भी कहिए कि बिहारी लोग तमिलनाडु में शौचालय साफ करते हैं, जैसा कि आपके रिश्तेदार और सांसद दयानिधि मारन ने कहा था। अगर हिम्मत है तो दोहराइए।”
मुख्यमंत्री स्टालिन आज बिहार में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा आयोजित ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल होने पहुंचे हैं। इस यात्रा के जरिए विपक्ष एकजुटता दिखाने और चुनावी समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहा है।
बीजेपी प्रवक्ता ने स्टालिन की यात्रा को ‘मजाक’ बताया, और कहा कि “आप उन्हीं बिहारी लोगों से वोट मांगने जा रहे हैं जिन्हें आपकी पार्टी ने अपशब्द कहे हैं। पहले आप बिहार से माफी मांगिए।”
उन्होंने कहा, “आपके डीएमके नेताओं ने बिहारियों को अनपढ़, पानीपुरी बेचने वाला और शौचालय साफ करने वाला कहा है। और अब आप वोट मांगने बिहार जा रहे हैं? यह शर्म की बात नहीं तो क्या है?”
इस विवाद में जेडीयू (JDU) भी कूद पड़ी है। पार्टी नेता अभिषेक झा ने कहा, “राहुल गांधी ऐसे व्यक्ति को बिहार बुला रहे हैं, जो हिंदू धर्म और पौराणिक कथाओं पर आपत्तिजनक बयान देता है। उन्होंने रेवंत रेड्डी को भी बुलाया है, जिन्होंने बिहारियों की डीएनए पर सवाल उठाए थे। तेजस्वी यादव को यह समझना चाहिए कि ऐसे लोगों के साथ खड़े होकर वे बिहारियों का समर्थन कैसे मांग सकते हैं?”
पुरानी बयानबाज़ियों से विवादों की जड़ें
बीजेपी और डीएमके के बीच पिछले कुछ वर्षों से तनातनी चल रही है।
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दयानिधि मारन का एक पुराना वीडियो 2023 के अंत में वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कथित रूप से कहा था कि “बिहार से आए हिंदी भाषी लोग तमिलनाडु में घर बनाते हैं और शौचालय साफ करते हैं।”
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वहीं, उदयनिधि स्टालिन ने एक कार्यक्रम में सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से करते हुए कहा था कि “सनातन धर्म का नाश होना चाहिए।”
इस बयान पर देशभर में भारी आलोचना हुई थी, लेकिन उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद माफी मांगने से इनकार कर दिया था और कहा था कि यह बयान द्रविड़ आंदोलन के जनक पेरियार की विचारधारा से प्रेरित है।