श्रेयस अय्यर बने वनडे टीम के उपकप्तान: वर्षों की निरंतरता को मिला मान, नेतृत्व में दिखी नयी उम्मीद
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय क्रिकेट टीम की घोषणा में जहां शुभमन गिल को कप्तान बनाए जाने और रोहित शर्मा के नेतृत्व से हटने की खबरें सुर्खियों में रहीं, वहीं एक महत्वपूर्ण निर्णय चुपचाप रह गया। श्रेयस अय्यर को वनडे टीम का उपकप्तान बनाया गया। यह फैसला न केवल उनके निरंतर प्रदर्शन का सम्मान है, बल्कि भारतीय क्रिकेट में नेतृत्व की नई पीढ़ी की शुरुआत का संकेत भी है। पूर्व दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा, “श्रेयस उन खिलाड़ियों में से हैं जो हमेशा टीम के लिए प्रदर्शन करते हैं, लेकिन उन्हें शायद ही कभी उस श्रेय की प्राप्ति होती है जिसके वे हकदार हैं।”
हरभजन सिंह ने श्रेयस को “इम्पैक्ट प्लेयर” करार दिया — ऐसा खिलाड़ी जो बिना किसी दिखावे के मैच की दिशा बदलने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा, “हम 2023 वर्ल्ड कप की बात करते हैं — उन्होंने लगातार दो शतक जड़े और वो भी कितनी रफ्तार से! जब वो लय में आते हैं, तो ड्रेसिंग रूम और अन्य बल्लेबाज़ों के लिए चीज़ें आसान हो जाती हैं।”
हाशिये से मुख्य भूमिका तक का सफर
श्रेयस का करियर लंबे समय तक एक ऐसे खिलाड़ी की तरह रहा जो विश्वसनीय तो था, लेकिन हमेशा मुख्य चर्चा से बाहर रहता था। 2024 की इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ के दौरान खराब फॉर्म के चलते उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। इसके बाद BCCI ने उनका केंद्रीय अनुबंध भी रद्द कर दिया, क्योंकि उन्होंने घरेलू क्रिकेट में भाग नहीं लिया।
लेकिन श्रेयस ने आलोचना का जवाब मैदान में दिया — IPL 2024 में कोलकाता नाइट राइडर्स को खिताब दिलाया, और फिर अगले सीज़न में पंजाब किंग्स को फाइनल तक पहुंचाया। यह दिखाता है कि जहां श्रेयस जाते हैं, वहां सफलता पीछे आती है।
इसके बावजूद, उन्हें एशिया कप 2025 की टीम में नहीं चुना गया। यहां तक कि एक वनडे सीरीज़ में भी उन्हें विराट कोहली की आखिरी समय की चोट की वजह से ही मौका मिला।
लेकिन श्रेयस ने कभी कोई शोर नहीं मचाया। उन्होंने हमेशा की तरह अपने प्रदर्शन से जवाब दिया। चैम्पियंस ट्रॉफी में उन्होंने भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए — 243 रन पांच मैचों में।
नेतृत्व गुण और रणनीतिक भूमिका
अब जबकि उन्हें उपकप्तान बनाया गया है, यह सिर्फ भावनात्मक निर्णय नहीं है, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी उपयुक्त है। वनडे में भारत के लिए नंबर 4 पोजीशन पर उन्होंने स्थिरता दी है। 41 मैचों में 1,821 रन, औसत 52.02 — यह दर्शाता है कि वह इस भूमिका में कितने प्रभावी हैं।
2023 विश्व कप में 530 रन बनाकर उन्होंने यह साबित किया कि वह मध्य क्रम में टीम की रीढ़ हैं। उनकी फील्डिंग शानदार है, और IPL में कप्तानी के अनुभव ने उन्हें एक नेतृत्वकारी खिलाड़ी बना दिया है।
ड्रेसिंग रूम में लोकप्रिय कप्तान
श्रेयस ने अपने नेतृत्व से खिलाड़ियों का विश्वास जीता है। IPL 2024 में जब उन्होंने फाइनल ओवर में युवा हर्षित राणा पर भरोसा जताया, तो वह सिर्फ रणनीति नहीं थी — यह उनके नेतृत्व की शैली का प्रतीक था।
शुभमन गिल के कप्तान बनने के बाद श्रेयस का उपकप्तान बनना, टीम के संतुलन को और मजबूत करता है। यह युवा नेतृत्व को अनुभव और रणनीतिक सहयोग प्रदान करेगा। श्रेयस अय्यर को उपकप्तान बनाना केवल एक पद नहीं है, यह उन वर्षों की मेहनत और चुपचाप किए गए योगदान का सम्मान है। अब वह सिर्फ एक भरोसेमंद खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक आधिकारिक नेता हैं — और यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक सकारात्मक संकेत है।