क्या वेस्टइंडीज़ के खिलाड़ियों के दिल में अब भी क्रिकेट बचा है?” ब्रायन लारा का दर्द छलका
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में मिल रही हार के बीच वेस्टइंडीज़ क्रिकेट टीम के हालात देखकर महान बल्लेबाज़ ब्रायन लारा का दिल भर आया। दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन भारत द्वारा शिकंजा कसने के बाद जब कैरेबियाई खिलाड़ियों के चेहरे पर मायूसी साफ़ नज़र आ रही थी, तब 56 वर्षीय लारा खुद मेहमान टीम के ड्रेसिंग रूम में गए, न केवल उन्हें सहारा देने, बल्कि कुछ जरूरी सवाल उठाने भी।
लारा इस समय सर विवियन रिचर्ड्स के साथ ‘मिशन इंडिया’ नामक एक अभियान का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य वेस्टइंडीज़ क्रिकेट को आर्थिक संकट से उबारने के लिए फंड जुटाना है। लंबे समय से टेस्ट क्रिकेट में कमजोर पड़ चुकी इस ऐतिहासिक टीम के पुनरुत्थान के लिए यह एक अहम कोशिश मानी जा रही है।
“पैसे की ज़रूरत है, लेकिन उससे भी ज़्यादा ज़रूरी है जज़्बा”
हाल ही में एक निजी पुरस्कार समारोह में लारा ने कहा था, “अगर आप कोई काम करना चाहते हैं, तो आपके पास पूंजी होनी चाहिए।”
हालांकि, उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि क्रिकेट सिर्फ पैसों से नहीं चलता। उन्होंने टीम की वर्तमान मानसिकता पर सवाल उठाते हुए कहा, “मैं रोस्टन चेज़ और बाकी खिलाड़ियों से पूछना चाहता हूँ—क्या उनके दिल में वाकई क्रिकेट है? क्या वे सच में वेस्टइंडीज़ के लिए खेलना चाहते हैं?”
लारा ने 70 और 80 के दशक की याद दिलाते हुए कहा कि उस समय के दिग्गज खिलाड़ी—जैसे कि विव रिचर्ड्स—बिना किसी शानदार सुविधा के भी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बन गए। “उन दिनों अभ्यास पिचें उतनी अच्छी नहीं थीं, संसाधन सीमित थे, लेकिन जुनून असाधारण था। वेस्टइंडीज़ के लिए खेलने का सपना हर युवा की आंखों में था,” लारा ने भावुक होते हुए कहा।
लारा ने मौजूदा युवा खिलाड़ियों से अपील करते हुए कहा कि वे इस मौके की अहमियत समझें। “यह सिर्फ एक खेल नहीं है, यह हमारे इतिहास और पहचान से जुड़ा हुआ है। मुझे पूरा भरोसा है कि हर कैरेबियाई माता-पिता का सपना होता है कि उनका बेटा वेस्टइंडीज़ के लिए खेले।”
