दिल्ली कोर्ट में लालू परिवार की याचिका: IRCTC घोटाले में रोज़ाना सुनवाई से राहत की मांग
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: राजद अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव तथा उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट में एक अर्जी दायर कर IRCTC घोटाला मामले में रोज़ाना होने वाली सुनवाई से राहत मांगी है। दंपति ने अदालत से आग्रह किया है कि मुकदमे की सुनवाई सप्ताह में केवल एक दिन हो, न कि रोज़ाना, जैसा कि पहले अदालत ने निर्देश दिया था।
यह अर्जी विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने के समक्ष दायर की गई। गौरतलब है कि अदालत ने 13 अक्टूबर को लालू यादव, राबड़ी देवी, उनके बेटे तेजस्वी यादव और अन्य 10 आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप तय किए थे, साथ ही 27 अक्टूबर से मुकदमे की दिन-प्रतिदिन सुनवाई का आदेश दिया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह, जो लालू परिवार की ओर से पेश हुए, ने अदालत से कहा कि यादव परिवार के खिलाफ इस समय चार आपराधिक मामले लंबित हैं और सभी में एक ही वकीलों की टीम पेश हो रही है। ऐसे में हर मामले की रोज़ाना सुनवाई से बचाव पक्ष को तैयारी करने में कठिनाई होगी।
सिंह ने अदालत से चार सप्ताह का समय मांगा और कहा कि बचाव पक्ष को लगभग 18,000 पृष्ठों की चार्जशीट और 250 पृष्ठों के आदेश का अध्ययन करना है। उन्होंने कहा, “माननीय न्यायालय ने आदेश देने में चार महीने का समय लिया, हमें भी पूरा दस्तावेज़ पढ़ने का अवसर मिलना चाहिए। बिहार में चुनाव प्रचार भी चल रहा है, ऐसे में हमारे मुवक्किल उपस्थित नहीं हो सकते।”
अन्य तीन आरोपियों के वकीलों ने भी इसी तरह के आवेदन दिए और 17 नवंबर के बाद साक्ष्य दर्ज करने की मांग की। वहीं, सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने इन मांगों का विरोध किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की शीघ्र सुनवाई आवश्यक है।
न्यायाधीश गोगने ने सुनवाई के दौरान कहा, “पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि सत्र न्यायालयों ने दिन-प्रतिदिन सुनवाई की प्रथा खो दी है।”
अदालत ने सभी आवेदनों की प्रतियां सीबीआई को देने का आदेश दिया और कहा कि एजेंसी अपना जवाब दाखिल करे। चूंकि कुछ गवाह दिल्ली से बाहर से आए थे, न्यायाधीश ने कहा कि उनकी मुख्य गवाही दर्ज करने का प्रयास किया जाए। दिन के दौरान एक गवाह की मुख्य परीक्षा पूरी की गई, जिसे बाद में जिरह के लिए बुलाया जाएगा।
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में लालू परिवार को बड़ा झटका लगा था, जब 13 अक्टूबर को अदालत ने उनके खिलाफ IRCTC घोटाला मामले में आरोप तय किए थे।
अदालत के अनुसार, लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री (2004–2009) रहते हुए सुबोध और विनय कोचर की कंपनी सुझाता होटल्स को रांची और पुरी के दो IRCTC होटलों के ठेके में अनुचित लाभ पहुंचाया। बदले में, सीबीआई का आरोप है कि उन्हें पटना में लगभग तीन एकड़ जमीन बेनामी कंपनी के माध्यम से मिली।
अदालत ने कहा कि लालू यादव ने “साजिश रचकर अपने पद का दुरुपयोग किया” और “टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी की।” वहीं, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप तय किए गए हैं।
राजद परिवार ने सभी आरोपों को राजनीतिक साजिश करार दिया है। यह मामला ऐसे समय में सुर्खियों में आया है जब यादव परिवार “लैंड-फॉर-जॉब्स” घोटाले में भी मुकदमे का सामना कर रहा है। दोनों मामले आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू परिवार और इंडिया गठबंधन के लिए बड़ी राजनीतिक चुनौती माने जा रहे हैं।
