असम में बांग्लादेश के राष्ट्रगान पर विवाद तेज़, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने देशद्रोह का केस दर्ज करने के दिए निर्देश

Controversy over Bangladesh's national anthem escalates in Assam, Chief Minister Himanta Biswa Sarma orders registration of sedition caseचिरौरी न्यूज

गुवाहाटी: असम के श्रीभूमि जिले में एक कांग्रेस नेता द्वारा बांग्लादेश के राष्ट्रगान ‘अमर सोनार बांगला’ गाए जाने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे “भारत के प्रति असम्मान और राष्ट्रविरोधी गतिविधि” करार देते हुए श्रीभूमि जिला कांग्रेस समिति के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

यह घटना असम के बांग्लादेश से सटे बराक घाटी क्षेत्र में हुई, जहां 80 वर्षीय कांग्रेस नेता बिधु भूषण दास ने एक पार्टी कार्यक्रम के दौरान रवींद्रनाथ टैगोर की रचना ‘अमर सोनार बांगला’ का पाठ किया।

मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, “यह बांग्लादेशी दावों का समर्थन है”

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं का यह कदम “भारत के राष्ट्रगान का अपमान” है और यह उन बांग्लादेशी नेताओं के नए दावों के समर्थन में दिखता है, जो कहते हैं कि पूरा पूर्वोत्तर क्षेत्र एक दिन बांग्लादेश का हिस्सा बनेगा।

सरमा ने कहा, “श्रीभूमि में भारत के राष्ट्रगान की जगह बांग्लादेश का राष्ट्रगान गाया जाना भारत के लोगों और राष्ट्रीय प्रतीकों का सीधा अपमान है। यह राष्ट्रविरोधी गतिविधि है और असम सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।”

उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया है कि श्रीभूमि जिला कांग्रेस समिति के खिलाफ उपयुक्त धाराओं में मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए।

कांग्रेस ने किया पलटवार, “बीजेपी को बंगाल की संस्कृति की समझ नहीं”

असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई ने मुख्यमंत्री सरमा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी इस मुद्दे को “राजनीतिक रूप से भुनाने” का प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा, “अमर सोनार बांगला रवींद्रनाथ टैगोर की रचना है, जो बंगाल की भावना और एकता का प्रतीक है। बीजेपी को न बंगाली संस्कृति की समझ है, न टैगोर की विरासत की। वे सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए बंगाली समाज का इस्तेमाल करते हैं।”

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह गीत 1905 में बंगाल के विभाजन के विरोध में एकजुटता के प्रतीक के रूप में लिखा गया था, और इसे गाना या पढ़ना किसी भी तरह से राष्ट्रविरोधी नहीं है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

‘अमर सोनार बांगला’ रवींद्रनाथ टैगोर ने 1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में लिखा था। यह गीत बंगाल की मिट्टी, संस्कृति और मातृभूमि के प्रति प्रेम का प्रतीक है। 1971 में स्वतंत्रता के बाद, बांग्लादेश ने इस गीत को अपने राष्ट्रीय गान के रूप में अपनाया।

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब भारत और बांग्लादेश के रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण हैं। पिछले वर्ष ढाका में सरकार परिवर्तन के बाद से दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आई है।

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना इस समय भारत में निर्वासन में रह रही हैं, जबकि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस हाल ही में पाकिस्तान के सैन्य शीर्ष अधिकारी जनरल साहिर शमशाद मिर्ज़ा से मिले थे।

रिपोर्टों के मुताबिक, यूनुस ने उन्हें एक पुस्तक भेंट की, जिसके कवर पर बांग्लादेश का नक्शा पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों सहित दिखाया गया था — जिसने नई दिल्ली की चिंता और बढ़ा दी है।

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