ममता बनर्जी ने मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ कोलकाता में निकाली विशाल रैली, भाजपा ने बताया, ‘घुसपैठिया बचाओ यात्रा’

Mamata Banerjee held a massive rally in Kolkata against the voter list revision, with the BJP taking a dig at the "Save Infiltrators Yatra."चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने मंगलवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में शहर की सड़कों पर उतरकर एक विशाल रैली का नेतृत्व किया।

टीएमसी ने आरोप लगाया है कि यह एसआईआर प्रक्रिया भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और चुनाव आयोग की “मिलीभगत” से चल रही एक “चुपचाप, अदृश्य धांधली” है, जिसका उद्देश्य बंगाल में विपक्षी मतदाताओं के नाम काटना है।

ममता बनर्जी का भाजपा पर तीखा हमला

रैली के दौरान ममता बनर्जी ने भाजपा पर करारा हमला बोलते हुए कहा, “असंगठित क्षेत्र के कई मज़दूर डर में हैं कि कहीं उनके नाम मतदाता सूची से हटा न दिए जाएं। बांग्ला में बात करने का मतलब बांग्लादेशी होना नहीं है, जैसे हिंदी या पंजाबी बोलने का मतलब पाकिस्तानी होना नहीं है। भाजपा के लोग भूल गए हैं कि आज़ादी से पहले भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान एक ही ज़मीन के हिस्से थे।”

मुख्यमंत्री ने भाजपा को “लुटेरी पार्टी” करार देते हुए कहा कि वह “एजेंसियों का दुरुपयोग कर झूठ और डर का माहौल बना रही है।” उन्होंने चेतावनी दी कि “भविष्य में भाजपा सत्ता में नहीं रहेगी।”

टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि एसआईआर के डर से कई लोगों की जान गई है।

“पिछले सात दिनों में सात लोगों की मौत हुई है, जिन्हें डर था कि उनका मताधिकार छीन लिया जाएगा,” उन्होंने कहा।

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी वैध मतदाता का नाम हटाया गया तो तृणमूल कांग्रेस “दिल्ली में बंगाल की ताकत दिखाएगी।”

अभिषेक ने भाजपा पर “सीएए कैंप लगाकर नाटक करने” का आरोप लगाया और कहा, “जैसे असम में एनआरसी के कारण 12 लाख हिंदू बंगालियों ने मताधिकार खो दिया, वैसा ही बंगाल में नहीं होने देंगे।” उन्होंने घोषणा की कि पार्टी जल्द ही दिल्ली में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेगी।

यह मार्च बी.आर. अंबेडकर की प्रतिमा (रेड रोड) से शुरू होकर जोरासांको ठाकुरबाड़ी (रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक निवास) तक गया। ममता बनर्जी पारंपरिक सफेद साड़ी और चप्पल पहने जुलूस के सबसे आगे चल रही थीं। सड़क किनारे मौजूद हज़ारों समर्थकों ने पार्टी के झंडे लहराए, नारे लगाए और “एसआईआर प्रक्रिया वापस लो” जैसे पोस्टर थामे थे।

भाजपा का पलटवार, “घुसपैठिया बचाओ यात्रा”

भाजपा ने ममता बनर्जी की रैली को “घुसपैठिया बचाओ यात्रा” बताया। mविधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “यह रैली भारतीय संविधान के मूल्यों के विरुद्ध है और पूरी तरह अराजकता फैलाने वाली है।”

पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि राज्य में “जनसांख्यिकीय परिवर्तन” हो रहे हैं और कहा कि ममता बनर्जी “रोहिंग्याओं को राज्य में बसा रही हैं।”

भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा, “2001 से अब तक बंगाल की आबादी में 31% की वृद्धि हुई है, लेकिन मतदाताओं की संख्या में 67% की बढ़ोतरी हुई है, ये अतिरिक्त मतदाता कहाँ से आए?”

मालवीय ने ममता बनर्जी पर “पाखंड” का आरोप लगाते हुए कहा कि वाम शासन के दौरान उन्होंने अवैध घुसपैठियों के खिलाफ रैली की थी, लेकिन अब “उन्हीं घुसपैठियों को बचाने” के लिए केंद्र की नीतियों का विरोध कर रही हैं।

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