चुनाव आयोग का पलटवार, राहुल गांधी SIR का समर्थन कर रहे हैं या विरोध?
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारतीय चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए वोट चोरी के आरोपों का बुधवार को कड़ा खंडन किया। आयोग ने स्पष्ट किया कि हरियाणा में मतदाता सूची के खिलाफ कोई अपील नहीं दायर की गई है और इस पर किसी भी तरह की जांच या प्रमाणिक दावा मौजूद नहीं है।
राहुल गांधी ने हाल ही में दावा किया था कि 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में 25 लाख वोट सत्तारूढ़ दल की ओर से धांधली के माध्यम से छीने गए। उनके अनुसार, 5.21 लाख डुप्लिकेट मतदाता, 93,174 अवैध मतदाता और 19.26 लाख थोक मतदाताओं के जरिए यह कथित वोट चोरी हुई। राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह पूरे चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है।
हालांकि, चुनाव आयोग ने कहा कि इस तरह के आरोपों की पुष्टि के लिए कोई आधार नहीं है। आयोग ने कांग्रेस से पूछा कि क्या वह मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का समर्थन करती है, जिसके तहत डुप्लीकेट, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं को हटाया जाता है, या फिर इसका विरोध करती है।
चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी मतदान एजेंट को किसी मतदाता की पहचान पर संदेह होता है या वह पहले ही मतदान कर चुका है, तो आपत्ति दर्ज कराने की जिम्मेदारी उन्हीं की है। आयोग ने कहा कि बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) की नियुक्ति राजनीतिक दलों द्वारा मतदान की निगरानी और किसी भी अनियमितता की पहचान के लिए की जाती है, और इस बार कांग्रेस के एजेंटों ने एसआईआर प्रक्रिया के दौरान कोई आपत्ति या दावा नहीं किया।
चुनाव आयोग ने कहा कि अगर डुप्लीकेट प्रविष्टियाँ मौजूद भी थीं, तो यह स्पष्ट नहीं है कि उनका प्रभाव भाजपा की जीत में कैसे पड़ा, और यह कहना कि ऐसे मतदाताओं ने कांग्रेस को वोट दिया होगा, पूरी तरह से अटकलों पर आधारित है।
इस विवाद के बीच, राहुल गांधी के आरोप ऐसे समय में आए हैं जब चुनाव आयोग ने नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों को अद्यतन करने और लगभग 51 करोड़ मतदाताओं की पात्रता की पुष्टि के लिए एसआईआर अभ्यास शुरू किया है। हालांकि, कई राजनीतिक दलों ने इस अभ्यास पर आपत्ति जताई है और इसे राजनीतिक तौर पर प्रेरित बताया है।
