लालू परिवार में बढ़ता तूफ़ान: रोहिणी के बाद तीन और बेटियों ने घर छोड़ा
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: रोहिणी आचार्य के सार्वजनिक रूप से भड़कने और राजनीति व परिवार से दूरी बनाने की घोषणा के एक दिन बाद ही रविवार को लालू प्रसाद यादव का परिवार एक और बड़े संकट में घिर गया। परिवार की तीन और बेटियाँ, राजलक्ष्मी, रागिनी और चंदा—अपने बच्चों के साथ अचानक पटना से दिल्ली चली गईं। यह कदम बिहार के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवार में बढ़ती खाई का स्पष्ट संदेश देता है।
यह घटनाक्रम ठीक उस समय सामने आया है जब राजद पहले ही बिहार विधानसभा चुनावों में करारी हार से जूझ रहा है, जहाँ पार्टी की सीटें 75 से गिरकर करीब 25 तक सीमित रह गईं।
रोहिणी के आरोप: “गालियाँ दी गईं, चप्पल से मारने की कोशिश हुई, परिवार ने मुझे अकेला छोड़ दिया”
संकट की शुरुआत तब हुई जब सिंगापुर में रहने वाली डॉक्टर रोहिणी आचार्य ने चुनावी पराजय के कुछ घंटों बाद यह घोषणा की कि वह राजनीति छोड़ रही हैं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हैं।
कई भावुक पोस्टों में उन्होंने तेजस्वी यादव के दो करीबी सहयोगियों—राजद के राज्यसभा सांसद संजय यादव और तेजस्वी के लंबे समय से सहयोगी रमीज़—पर तीखे आरोप लगाए। रोहिणी ने दावा किया कि दोनों के बीच हुए विवाद के दौरान उन्हें गालियाँ दी गईं और उन पर चप्पल से हमला करने की कोशिश की गई।
उन्होंने लिखा कि उन्हें “परिवार से अलग-थलग कर दिया गया”, माता-पिता को “रोते हुए छोड़ दिया गया”, और उन पर यह अपमानजनक आरोप लगाया गया कि उन्होंने लालू यादव को किडनी दान करने के बदले “करोड़ों रुपये लिए”।
एक पोस्ट में उन्होंने यह भी कहा कि संजय और रमीज़ ने उन्हें दोष अपने ऊपर लेने को कहा था।
अब तक इन सहयोगियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिसने तेजस्वी यादव के आसपास संभावित सत्ता संघर्ष की चर्चाओं को और हवा दे दी है।
रोहिणी के खुलासों के बीच सोमवार तड़के राजलक्ष्मी, रागिनी और चंदा पटना स्थित 10 सर्कुलर रोड से चुपचाप दिल्ली के लिए निकल गईं।
सूत्रों के अनुसार, तीनों पिछले दो दिनों की घटनाओं से बेहद आहत थीं।
अब लालू-राबड़ी का आवास, जो कभी राजनीतिक हलचल का केंद्र था, लगभग खाली है—सिर्फ लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और मीसा भारती वहीं मौजूद हैं। तेजस्वी यादव चुनावी हार के बाद लगभग सार्वजनिक जीवन से ओझल हैं, और उनके नेतृत्व व सलाहकारों के चयन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
तेज प्रताप की कड़ी प्रतिक्रिया: “पिताजी, बस एक इशारा कर दीजिए”
रोहिणी के आरोपों का सबसे तीखा जवाब उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने दिया। जनशक्ति जनता दल (JJD) के सोशल मीडिया हैंडल से जारी संदेश में उन्होंने लिखा कि यह घटना “उनके दिल को अंदर तक हिला देने वाली” है।
उन्होंने कहा, वे अपने ऊपर हुए हमलों को सहते रहे, लेकिन किसी भी कीमत पर अपनी बहन का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। तेज प्रताप ने चेतावनी दी कि इस “अन्याय” के परिणाम गंभीर होंगे और सीधे अपने पिता से अपील की, “पिताजी, बस एक संकेत दे दीजिए, बिहार की जनता इन जयचंदों को मिट्टी में मिला देगी।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ “चेहरों” ने तेजस्वी यादव के निर्णयों पर नकारात्मक असर डाला और अब लड़ाई “एक बेटी की गरिमा और बिहार के स्वाभिमान” की है।
तेज प्रताप पहले ही इस साल की शुरुआत में राजद से निकाले जा चुके हैं—एक फेसबुक पोस्ट के बाद, जिसने उनके निजी रिश्तों को लेकर विवाद खड़ा कर दिया था। उनकी परेशान शादी और ऐश्वर्या राय के साथ चल रहे तलाक का मामला लगातार सुर्खियों में है।
निष्कासन के बाद उन्होंने जनशक्ति जनता दल (JJD) बनाया और महुआ से चुनाव लड़ा, जहाँ वे तीसरे स्थान पर रहे। अब रोहिणी का अचानक अलग हो जाना यह संकेत देता है कि परिवार के भीतर तनाव कितनी गहरी जड़ें जमा चुका है। लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी सात बेटियों और दो बेटों के माता-पिता हैं, और उनका परिवार बिहार के सबसे बड़े और प्रभावशाली राजनीतिक कुलों में गिना जाता है। इनमें से कई की शादी राजनीति, विमानन और सार्वजनिक जीवन के महत्वपूर्ण घरानों में हुई है।
