विधु विनोद चोपड़ा ने सोशल मीडिया स्टारडम पर कसा तंज, “इन्फ्लुएंसर्स को लगता है वे लेजेंड हैं”

Vidhu Vinod Chopra takes a dig at social media stardom, saying, "Influencers think they're legends."चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: गोवा में जारी 56वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) में शामिल हुए फिल्ममेकर-प्रोड्यूसर विधु विनोद चोपड़ा ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर कल्चर और उसके सिनेमा पर पड़ते प्रभाव की कड़ी आलोचना की।

फिल्म फेस्टिवल के दौरान आयोजित एक मास्टरक्लास में उन्होंने सोशल मीडिया स्टारडम के बढ़ते क्रेज को “खतरनाक ट्रेंड” बताते हुए कहा कि आज ब्रांड्स और पॉपुलर कल्चर ने असली कला और कहानी कहने के महत्व को पीछे छोड़ दिया है।

चोपड़ा ने तीखे शब्दों में कहा कि आजकल कई लोग सिर्फ इंटरनेट पर एक खास अंदाज में खड़े होकर खुद को “लेजेंड” समझ लेते हैं। उन्होंने कहा, “किसी के 5 मिलियन फॉलोअर्स हैं, किसी के 10 मिलियन… और ब्रांड्स उनके पास जाकर कहते हैं ‘हमारा प्रोडक्ट बेचो’। इन्फ्लुएंसर फिर से कैमरे के सामने खड़ा होता है और कहता है—‘ये टिफिन खरीदो, जो भी खरीदो’। क्या बकवास हो रहा है?”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज के दौर में एक क्रिएटर को यह तय करना होगा कि वह सिर्फ दिखावे वाला स्टारडम चाहता है या फिर असल में खुशी, कला और सार्थक काम की तलाश में है।

सत्र के दौरान विधु विनोद चोपड़ा ने अपनी क्लासिक फिल्म ‘1942: ए लव स्टोरी’ के 8K रेस्टोरेशन पर चर्चा की। उन्होंने एक दिलचस्प किस्सा साझा किया कि कैसे उनके तब के असिस्टेंट संजय लीला भंसाली ने एक गाने की शूटिंग के लिए पहाड़ पर ब्रेडक्रम्ब्स बिखेरकर पक्षियों को आकर्षित किया था।

चोपड़ा ने कहा कि आज की फिल्मों में अक्सर कहानी से ज्यादा प्रेजेंटेशन को महत्व दिया जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी फिल्में हमेशा समय की सामाजिक सच्चाइयों को दिखाने की कोशिश करती हैं।

गोवा में चल रहे IFFI के 56वें संस्करण में इस बार 81 देशों की 240 से अधिक फिल्में प्रदर्शित की जा रही हैं। फेस्टिवल में 13 वर्ल्ड प्रीमियर समेत कई इंटरनेशनल और एशियन डेब्यू शामिल हैं। इस बार ओपनिंग सेरेमनी में मंडोवी नदी के किनारे एक भव्य परेड का आयोजन कर परंपरा में बदलाव किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *