कर्नाटक में नेतृत्व संकट के बीच शिवकुमार का संकेतभरा बयान: “वचन की ताकत ही सबसे बड़ी ताकत”

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने एक कार्यक्रम में ऐसा बयान दिया जिसे राजनीतिक हलकों में बड़ा संकेत माना जा रहा है। शिवकुमार ने कहा कि “वचन की शक्ति ही दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है”, जिसे राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिवकुमार ने कहा, “एक कहावत है कि शब्द की शक्ति ही विश्व शक्ति है। अपना वादा निभाना दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है। यह चाहे कोई जज हो, भारत का राष्ट्रपति हो, मैं हूँ या आप—सभी के लिए वचन निभाना सर्वोपरि है।”
अपने समर्थकों को कुर्सियों पर बैठने का आग्रह करते हुए शिवकुमार ने हंसते हुए कहा, “जो मेरे पीछे खड़े हैं, उन्हें कुर्सी की कीमत नहीं पता। जो कुर्सी मिल रही है, उस पर बैठने के बजाय वे खड़े हैं।” इस टिप्पणी पर कार्यक्रम स्थल ठहाकों से गूंज उठा।
उनका यह ‘कुर्सी’ वाला बयान मौजूदा नेतृत्व विवाद के संदर्भ में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कांग्रेस के 2023 के चुनावी जीत के बाद सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री पद संभाला था, लेकिन शिवकुमार खेमे का दावा है कि ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बदलने का समझौता हुआ था। सिद्धारमैया खेमे ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है।
शिवकुमार के “वचन निभाने” वाले बयान को कांग्रेस नेतृत्व को याद दिलाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
पिछले कुछ हफ्तों से शिवकुमार समर्थक कई विधायक दिल्ली दौरे कर रहे हैं, जिससे नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें और भी तेज हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार, 1 दिसंबर तक शक्ति परिवर्तन की समय-सीमा तय मानी जा रही है।
