पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने मोहम्मद सिराज के व्हाइट-बॉल क्रिकेट से बाहर रहने पर उठाए सवाल

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: पूर्व भारतीय क्रिकेटर और ओपनर आकाश चोपड़ा ने हाल ही में मोहम्मद सिराज को लेकर भारतीय टीम के फैसलों पर सवाल उठाए। चोपड़ा का कहना है कि तेज गेंदबाज सिराज को लगातार सिर्फ़ टेस्ट क्रिकेट तक सीमित कर दिया गया है, जबकि उन्होंने सभी फॉर्मेट में अपनी क्षमता साबित की है।
अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए आकाश ने कहा, “मैं हैरान हूँ कि सिराज को असल में सिर्फ़ टेस्ट क्रिकेट का गेंदबाज बना दिया गया है। ODI और T20I में उन्हें शामिल क्यों नहीं किया जाता, यह समझना मुश्किल है। उन्हें ऐसा महसूस कराने के बजाय कि वह सभी फॉर्मेट में योगदान दे सकते हैं।”
सिराज, जो हाल के वर्षों में भारत के प्रमुख रेड-बॉल गेंदबाजों में शामिल रहे हैं, ODI और T20I में केवल सीमित मौके ही पा सके हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हालिया ODI सीरीज़ में हिस्सा लिया और भले ही ज्यादा विकेट नहीं लिए, लेकिन अपने टाइट और कंट्रोल वाले स्पेल से 4-6 रन प्रति ओवर की इकॉनमी बनाए रखी। यह प्रदर्शन दिखाता है कि सिराज के पास व्हाइट-बॉल क्रिकेट में भी प्रभावी भूमिका निभाने की काबिलियत अभी बरकरार है।
चोपड़ा ने कहा, “सिराज को ODI सेटअप में शामिल क्यों नहीं किया जाता, यह सवाल हर क्रिकेट फैन के मन में है। उन्हें केवल एक फॉर्मेट तक सीमित करना टीम की रणनीति पर संदेह पैदा करता है।”
सिराज की नई गेंद पर स्विंग कराने, बाउंस देने और बीच के ओवरों में आक्रामक बॉलिंग करने की क्षमता उन्हें लिमिटेड ओवर क्रिकेट में भी महत्वपूर्ण विकल्प बनाती है। एशिया कप 2023 के फ़ाइनल में श्रीलंका के खिलाफ उनका शानदार प्रदर्शन, सात विकेट से टीम को जीत दिलाना, यह साबित करता है कि सिराज ODI में भी मैच विजेता साबित हो सकते हैं।
हालांकि, भारतीय चयनकर्ताओं ने हाल के वर्षों में पेस गेंदबाजों के रोटेशन को प्राथमिकता दी है, जिससे सिराज और जसप्रीत बुमराह जैसे अनुभवी तेज गेंदबाजों के मौके सीमित हुए हैं। जबकि युवा खिलाड़ियों को खेलना जरूरी है, लेकिन अनुभवी गेंदबाजों को कठिन परिस्थितियों में शामिल किए बिना टीम के संतुलन पर सवाल उठता है।
चोपड़ा का मानना है कि सिराज जैसी क्वालिटी के गेंदबाज को बिना स्पष्ट वजह के सिर्फ एक फॉर्मेट तक सीमित नहीं रखना चाहिए। भारत के व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर और बड़े ICC टूर्नामेंटों के चलते यह बहस फिर से उभर सकती है कि क्या टीम अपनी तेज गेंदबाजी की गहराई का सही इस्तेमाल कर रही है और क्या सिराज सभी फॉर्मेट में अधिक लगातार भूमिका निभाने के हकदार हैं।
