सिकंदर महान नहीं, जनरल बिपिन रावत जैसे योद्धाओं का जश्न मनाएं: योगी आदित्यनाथ

Celebrate warriors like General Bipin Rawat, not Alexander the Great: Yogi Adityanathचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को गोरखपुर सैनिक स्कूल में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत के नाम पर बने नए ऑडिटोरियम का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम जनरल रावत की चौथी पुण्यतिथि पर आयोजित हुआ, जिसमें GBR मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा स्थापित उनकी प्रतिमा का अनावरण भी किया गया।

मुख्यमंत्री ने भारत की महान विरासत पर गर्व व्यक्त किया और भगवान राम, महाराणा प्रताप, रानी लक्ष्मीबाई और शिवाजी जैसे नायकों का उल्लेख करते हुए औपनिवेशिक इतिहास दृष्टि पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “हमें सिकंदर को ‘महान’ क्यों कहना चाहिए? हमारे लिए महानता महाराणा प्रताप, शिवाजी, जनरल बिपिन रावत और परमवीर चक्र विजेता जैसे नायकों में है। कोई विदेशी आक्रमणकारी हमारे लिए महान नहीं हो सकता।”

छात्रों, अभिभावकों और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय एकता, नागरिक कर्तव्य और भारतीयता पर गर्व की भावना को और मजबूत करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि समाज को जाति, क्षेत्र या भाषा के नाम पर बांटने वाली ताकतें आज भी मौजूद हैं और ऐसे तत्व वही गलती दोहरा रहे हैं जो कभी विदेशी आक्रमणकारियों के सहायकों ने की थी। योगी आदित्यनाथ ने कहा,

“ये लोग देश को कमजोर और गरीब बनाते हैं। वास्तविक राष्ट्रकल्याण तात्कालिक जातिगत या क्षेत्रीय तुष्टिकरण से नहीं हो सकता।”

उन्होंने भारत के विकास को राष्ट्रीय एकता से जोड़ते हुए नागरिकों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच प्राण अपनाने की अपील की, ताकि स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ तक एक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल किया जा सके। जनरल रावत को इन मूल्यों का सच्चा प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा,

“क्या कोई सच्चा भारतीय एक कमजोर, असुरक्षित या गरीब भारत चाहेगा? यदि कोई ऐसा चाहे, तो वह सच्चा भारतीय नहीं हो सकता।”

उन्होंने नागरिकों से ‘गुलामी की मानसिकता’ छोड़ने और विदेशी वस्तुओं की श्रेष्ठता के भ्रम से बाहर आने का आग्रह किया, यह स्पष्ट करते हुए कि भारत और उत्तर प्रदेश ने अपनी स्वदेशी क्षमता और आत्मनिर्भरता के बल पर तेज़ी से प्रगति की है। सेना के सम्मान पर बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने जोर दिया,

“एक व्यक्ति की गलती पूरी सेना के सम्मान को कम नहीं कर सकती।”

उन्होंने सामाजिक सद्भाव पर भी बल दिया और डॉ. भीमराव अंबेडकर के उस कथन को याद किया जिसमें उन्होंने अपनी सबसे बड़ी पहचान ‘भारतीय’ बताई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिक कर्तव्य—पांचवा प्राण—सिर्फ नागरिकों पर नहीं, बल्कि संस्थानों पर भी लागू होता है। उन्होंने 1990 में अत्यधिक ट्रेड यूनियनवाद के कारण बंद हुए गोरखपुर फर्टिलाइज़र प्लांट का उदाहरण देते हुए कहा कि देश तभी आगे बढ़ते हैं जब जिम्मेदारियाँ और अधिकार बराबर हों।

उन्होंने सैनिक स्कूल गोरखपुर को अपने “ड्रीम प्रोजेक्ट्स” में से एक बताते हुए इसके आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, को-एड रेज़िडेंशियल मॉडल और 75 लड़कियों सहित 310 कैडेट्स की उपलब्धि की सराहना की। उन्होंने कहा कि जनरल रावत को समर्पित यह ऑडिटोरियम आने वाली पीढ़ियों को अनुशासन और सेवा की प्रेरणा देता रहेगा। श्रीमद्भगवद्गीता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा,

“जो युद्ध में शहीद होते हैं उन्हें स्वर्ग मिलता है, और जो विजयी होते हैं उन्हें धरती।”

कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने भी जनरल रावत की विरासत को सलाम किया। असम राइफल्स के डायरेक्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेरा ने कहा कि रावत की सेवा “सुनहरे अक्षरों में लिखे जाने योग्य” है। पूर्व एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने नए ऑडिटोरियम को एक “सच्ची और योग्य श्रद्धांजलि” बताया और याद दिलाया कि रावत ने संयुक्त सैन्य योजना और एकीकृत रक्षा रणनीति को नई दिशा दी।

अंत में, योगी आदित्यनाथ ने स्कूल से हर वर्ष 8 दिसंबर को “इंस्पिरेशन डे” के रूप में मनाने का आग्रह किया, ताकि जनरल रावत और अन्य शहीदों की आदर्शपरक जीवन यात्रा नई पीढ़ियों को निरंतर प्रेरित करती रहे।

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