मोहन यादव ने मिटा दी है आमजन से सत्ता की दूरी

Mohan Yadav has removed the distance between the common people and the government.
(Screenshot/Video)

कृष्णमोहन झा

मध्यप्रदेश भाजपा के लोकप्रिय राजनेताओं की कतार में अग्रणी डा मोहन यादव ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने  कार्य काल के दो वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। इन दो वर्षों में मोहन यादव की सरकार द्वारा किए गए उल्लेखनीय फैसलों की लंबी फेहरिस्त निसंदेह उन्हें सराहना का हकदार बनाती है लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव किसी सराहना के अभिलाषी नहीं हैं।

उनकी एकमात्र अभिलाषा यही है कि दो वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस विश्वास के साथ उन्हें विशेष मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की बागडोर सौंपी थी उस विश्वास की कसौटी पर वे पूरी तरह खरे उतर सकें और इसमें दो राय नहीं हो सकती कि आज  उनकी गणना भाजपा शासित राज्यों के उन मुख्यमंत्रियों में प्रमुखता से होती है जिन पर प्रधानमंत्री मोदी सबसे अधिक भरोसा करते हैं।

पिछले दो वर्षों में मोहन यादव की सरकार ने” सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास” को सत्ता संचालन का मूल मंत्र मानकर ही सारे फैसले किए हैं और प्रदेश की जनता ने उनके हर फैसले पर अपने भरोसे की मुहर लगाई है। इन दो वर्षों में मोहन यादव मध्यप्रदेश भाजपा का सबसे लोकप्रिय चेहरा बन चुके हैं यही कारण है कि प्रदेश में भाजपा संगठन के मामलों में भी उनकी राय अहम साबित होती है। मोहन यादव की अपनी एक अलग कार्यशैली है जिसके बल पर उन्होंने प्रशासन में हर स्तर पर अपनी मजबूत पकड़ बनाई है। मोहन यादव महत्वपूर्ण मामलों में किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए ज्यादा सोच विचार नहीं करते। वे जनहित से जुड़े हर मामले में त्वरित निर्णय करते हैं  और उनके निर्णय हमेशा सही साबित होते हैं।

भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी उनकी इस कार्यशैली का कायल हो चुका है। अपनी इस विशिष्ट कार्य शैली के संकेत मोहन यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के चंद दिनों के अंदर दे ही दिए थे और पिछले दो वर्षों के दौरान उनकी सरकार द्वारा लिए गए अनेक फैसलों से उनकी इस विशिष्ट कार्यशैली के प्रमाण भी मिल चुके हैं। यूं तो मात्र दो वर्षों  में ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपनी झोली में जो शानदार उपलब्धियां संग्रहीत कर ली हैं उन पर गर्व करने का उन्हें पूरा हक है परन्तु उन्होंने तो मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही अपने लिए मध्यप्रदेश को देश के विकास राज्यों की कतार में अग्रणी स्थान का हकदार बनाने का दृढ़ संकल्प ले लिया था जिसकी पूर्ति के लिए वे इतने प्राणपण से जुटे हुए हैं कि उन्हें मील के पत्थर गिनने की फुर्सत नहीं है। मुख्यमंत्री के रूप में मोहन यादव के दो वर्षों के शानदार सफर पर मशहूर शायर बशीर बद्र का यह शेर पूरी तरह चरितार्थ होता है –

जिस दिन से चला हूं , मेरी मंजिल पे नज़र है।

इन आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा।

मुख्यमंत्री मोहन यादव की सहृदयता, संवेदनशीलता और सादगी ने प्रदेश की जनता का दिल जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आम आदमी को उनमें अपनी छवि दिखाई देती है। हरदिल अज़ीज़ मुख्यमंत्री  ने अपने चारों ओर कभी ऐसा घेरा निर्मित नहीं होने दिया जिसमें आम आदमी का प्रवेश संभव न हो सके। पिछले दो वर्षों में ऐसे अनेक अवसर आए हैं जब मुख्यमंत्री मोहन यादव की अतिशय सादगी और सहज- सरल व्यवहार से  आम जन को अभिभूत किया है।

अपने प्रवास के दौरान कभी उन्होंने चाय की दुकान पर रुक कर चाय बना दी और कभी साधारण सी होटल में समोसे बना कर उपस्थित ग्राहकों को चकित कर दिया। पार्टी के छोटे से छोटे कार्यकर्ता के साथ भी वे जब आत्मीयता से मिलते हैं तो वह अभिभूत हुए बिना नहीं रहता। उनकी सादगी की ताज़ा मिसाल हाल में महाकाल की नगरी उज्जैन में पुण्य सलिला क्षिप्रा के तट पर आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में देखने को मिली थी जब उन्होंने अत्यंत सादगी से अपने चिकित्सक बेटे का विवाह संस्कार संपन्न करा कर  समाज के सामने आदर्श प्रस्तुत किया।

मुख्यमंत्री प्रदेश में जब किसी भी क्षेत्र के दौरे पर जाते हैं तो साधारण से साधारण व्यक्ति भी उनके नजदीक पहुंच कर अपने मन की बात कह सकता है। वे मुस्कुरा कर हर व्यक्ति का अभिवादन स्वीकार करते हैं और लोगों की तकलीफों को दूर करने के लिए मौके पर ही अधिकारियों को निर्देशित भी करते हैं। वे इस बात का विशेष ध्यान रखते हैं कि निश्चित समय सीमा के अंदर उनके निर्देशों के अनुपालन में कहीं कोई कोताही न हो। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पिछले दो वर्षों में कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतने वाले बड़े से बड़े अधिकारियों के विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई करने में कोई संकोच नहीं किया है। उनके लिए जनता जनार्दन सर्वोपरि है।आम आदमी की तकलीफें उन्हें द्रवित कर देती हैं इसीलिए पिछले दो वर्षों से वे मध्यप्रदेश के नक्शे को खुशी के रंगों से सजाने में तन्मयतापूर्वक जुटे हुए हैं।

Mohan Yadav has removed the distance between the common people and the government.(लेखक राजनैतिक विश्लेषक है)

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