महाराष्ट्र नगर निकाय चुनावों पर शिवसेना (UBT) का हमला, ‘पैसा और ताकत से जीती BJP’

Shiv Sena (UBT) attacks BJP over Maharashtra municipal elections, says 'BJP won with money and power'.
(File photo/Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने सोमवार को महाराष्ट्र में हुए नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों को लेकर BJP-नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन पर गंभीर आरोप लगाए। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में दावा किया गया कि इन चुनावों में जीत “पैसे और मसल पावर” के दम पर हासिल की गई है।

संपादकीय में कहा गया, “अगर ये जीत पैसे से खरीदी गई है, तो महाराष्ट्र की अस्मिता और गौरव को धूल में मिला दिया गया है। छत्रपति शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र आज पैसे के आगे बेबस नजर आ रहा है। यह तस्वीर देश के लिए खतरनाक है।”

राज्य चुनाव आयोग पर भी निशाना

‘सामना’ ने राज्य चुनाव आयोग (SEC) की कड़ी आलोचना करते हुए उसे “नींद में सोया हुआ” बताया। संपादकीय में आरोप लगाया गया कि राज्यभर में अपहरण, डराने-धमकाने और खुलेआम पैसे बांटे जाने की घटनाएं सामने आती रहीं, लेकिन आयोग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

संपादकीय में BJP पर तीखा हमला करते हुए कहा गया कि पार्टी ने चुनाव जीतने का एकमात्र व्यवसाय बेईमानी को बना लिया है। “अंग्रेजों के बाद देश को सबसे ज्यादा लूटने का काम BJP और उसके सहयोगियों ने किया है। उसी लूट के पैसे से चुनाव लड़े और जीते जा रहे हैं। यहां तक कि ‘ड्रग मनी’ के इस्तेमाल के भी आरोप हैं, जो लोकतंत्र की सेहत पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं,” लेख में कहा गया।

चुनावी नतीजे और विपक्ष की स्थिति

राज्य चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, BJP 100 से अधिक नगराध्यक्ष पद जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की NCP को 40-40 से अधिक सीटें मिली हैं। वहीं कांग्रेस, शरद पवार की NCP (SP) और शिवसेना (UBT) समेत संयुक्त विपक्ष को करीब 60 सीटों पर संतोष करना पड़ा। ‘सामना’ ने कहा कि यह परिणाम हालिया विधानसभा चुनावों के पैटर्न से मेल खाते हैं, जहां महायुति को भारी जीत मिली थी।

ठाकरे गुट ने आरोप लगाया कि कई नगर क्षेत्रों में एक वोट की कीमत 4,000 से 10,000 रुपये तक तय की गई थी। कड़े मुकाबले वाले इलाकों में यह राशि 20,000 से 25,000 रुपये तक पहुंच गई, जिससे सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर भी तनाव पैदा हुआ। सिंधुदुर्ग में शिंदे गुट के विधायक निलेश राणे और BJP प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण के बीच फंड वितरण को लेकर सार्वजनिक विवाद की भी चर्चा की गई।

मतदाताओं पर दबाव और धांधली के आरोप

संपादकीय में कई जिलों से कथित चुनावी कदाचार के उदाहरण दिए गए। नांदेड़ के धर्माबाद में आरोप है कि BJP पदाधिकारियों ने करीब 1,500 मतदाताओं—जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं—को एक विवाह हॉल में रोककर 2,000 से 4,000 रुपये की रिश्वत स्वीकार करने के लिए मजबूर किया। मना करने वालों को धमकाने के आरोप भी लगे। अंबरनाथ में 200 से अधिक महिलाओं को बाहर से लाकर फर्जी मतदान कराने की जांच शुरू हुई, जबकि पनवेल में मतदाता सूची में गड़बड़ियों का दावा किया गया, जिसमें 268 मतदाताओं का पिता का नाम एक जैसा दर्ज होने का आरोप शामिल है।

‘सामना’ ने तेलंगाना और पंजाब के स्थानीय निकाय चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि वहां बैलेट पेपर से चुनाव हुए और BJP को हार का सामना करना पड़ा। तेलंगाना में कांग्रेस और पंजाब में आम आदमी पार्टी को बड़ी सफलता मिली। संपादकीय के अनुसार, “इन राज्यों में BJP ने पैसा लगाया, लेकिन मतदाता बिके नहीं।”

संपादकीय ने कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव लड़ने और कराने के तरीके ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। जनवरी 2026 में प्रस्तावित बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनावों की ओर बढ़ते हुए, राज्य की राजनीति में धनबल के प्रभाव और चुनावी निष्पक्षता पर बहस और तेज होने की संभावना है।

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