आम आदमी पार्टी शिक्षक संगठन ने डीयू ईसी, एसी चुनाव 2023 के लिए की उम्मीदवारों की घोषणा
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: उच्च शिक्षा को मजबूती तथा विस्तार देने के अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुए आम आदमी पार्टी ने अपने शिक्षक संगठन (AADTA) के बैनर तले दिल्ली विश्वविद्यालय में होने वाले कार्यकारी परिषद और अकादमिक परिषद चुनावों में समर्पित, प्रतिबद्ध, निडर और योग्य उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।
इस चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन करने हेतु दिल्ली विश्वविद्यालय के वरिष्ठ AADTA कार्यकर्ताओं की एक समिति गठित की थी, जिसने बहुत गहन विमर्श के बाद अपने उम्मीदवारों की घोषणा की, जिनके नाम इस प्रकार हैं :
कार्यकारी परिषद (EC) के लिए:
डॉ. सीमा दास, एसोसिएट प्रोफेसर राजनीति विज्ञान विभाग, हिंदू कॉलेज। सीमा जी वर्तमान में कार्यकारी परिषद की सदस्य हैं और इससे पूर्व अकादमिक परिषद तथा दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की कार्यकारी सदस्य के रूप में भी शिक्षकों के अधिकार की लड़ाई लड़ती रही हैं।
अकादमिक परिषद (AC) के लिए:
1. डॉ. ममता चौधरी: एसोसिएट प्रोफेसर, वाणिज्य विभाग, दयाल सिंह कॉलेज।
2. डॉ. आलोक रंजन पाण्डेय : रामानुजम महाविद्यालय के हिन्दी विभाग में सहायक प्राध्यापक। वर्तमान में अकादमिक परिषद के सदस्य हैं और डूटा के संयुक्त सचिव और उपाध्यक्ष थे।
3. डॉ. सुनील कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर वाणिज्य विभाग, शहीद भगत सिंह कॉलेज। वर्तमान में अकादमिक परिषद के सदस्य हैं।
4. डॉ. राम किशोर यादव, सहायक प्रोफेसर हिंदी विभाग, श्री वेंकटेश्वर कॉलेज। वर्तमान में वे DUTA के कार्यकारी सदस्य और अपने कॉलेज स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं।
5. डॉ चंदर मोहन नेगी, असिस्टेंट प्रोफेसर डिपार्टमेंट ऑफ बिजनेस इकोनॉमिक्स, दिल्ली विश्वविद्यालय।
उम्मीदवारों के नाम की घोषणा होने के साथ ही समायोजन की लड़ाई लड़ रहे तदर्थ व अतिथि शिक्षकों के बीच एक उत्साह का माहौल देखा जा रहा है क्योंकि सभी उम्मीदवार पूर्व में भी विश्वविद्यालय के मीटिंग रूम से लेकर सड़क शिक्षक हित के लिए संघर्ष करते रहे हैं और सत्ता से अपनी बात मनवाते रहे हैं।
AADTA की ओर से कार्यकारी परिषद उम्मीदवार बनाए जाने पर शिक्षक हितों के प्रति संघर्ष की अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए सीमा दास ने कहा है कि “हम नई शिक्षा नीति 2020 के तहत समायोजन और पदोन्नति और शुल्क वृद्धि, निजीकरण और अनुबंधीकरण तथा वैधानिक निकायों में नियमों और विनियमों का उल्लंघन के मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाते रहे हैं। तदर्थ और अस्थायी शिक्षकों के शून्य विस्थापन और पूर्ण समायोजन की हमारी मांग के साथ हम अपनी कार्य योजना को लेकर शिक्षकों के पास जाएंगे।
2018 की करियर एडवांस स्कीम में तदर्थ सेवाओं की कुल अवधि की गणना नहीं करने से दिल्ली विश्वविद्यालय में पदोन्नति अप्रभावी हो गई है। नई शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन से शिक्षा की गुणवत्ता में कमी आई है। काम के बोझ में कटौती, अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति और HEFA से ऋण जैसे मुद्दों का अविलंब समाधान करना चाहिए। साथ ही विभिन्न कॉलेजों में वेतन और पेंशन संकट को तुरंत दूर किया जाना चाहिए।“
इस अवसर पर AADTA ने भी शिक्षकों से अपील किया है कि वे शिक्षक आंदोलन और सामाजिक न्याय आधारित सार्वजनिक वित्त पोषित उच्च शिक्षा को मजबूत करने के लिए हमारे उम्मीदवारों का समर्थन करें।