एम्स निदेशक ने दी चेतावनी, कहा ज्यादा खतरनाक है कोरोना वायरस का नया भारतीय स्ट्रेन
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण में तेजी आने को लेकर दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का नया भारतीय स्ट्रेन पाया गया है जो पहले वाले कोरोना वायरस से ज्यादा संक्रमण फैलाने वाला और ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने कहा है कि नए स्ट्रेन ज्यादा तेजी से कोरोना को फैलने में मददगार है और यही कारण हो सकता है कि महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण में तेजी आई है।
बता दें कि महाराष्ट्र में हर रोज औसतन 5 से 6 हजार कोरोना संक्रमण के नये मामले सामने आ रहे हैं और इधर केरल में भी कोरोना संक्रमण के नये मामलों में तेजी आयी है। गुलेरिया ने कहा कि कोरोना का नया स्ट्रेन उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं और जिन्होंने कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित की है।
एम्स निदेशक ने वैक्सीनेशन के बारें बताते हुए कहा कि भारत मे कोरोना वैक्सीनेशन कोरोना के नये स्ट्रेन के खिलाफ भी प्रभावी है। पर उनकी क्षमता में कमी आ सकती है। उदाहरण के लिए बात करें तो लोग बीमारी की चपेट में आ जायेंगे, पर उनमें उसका असर हल्का होगा। पर फिर भी कोरोना का टीका लेना अनिवार्य है।
जब गुलेरिया से ये पूछा गया कि क्या भारत में हर्ड इम्युनिटी हो सकती है तो उन्होंने कहा कि हर्ड इम्युनिटी (झुंड प्रतिरक्षा) एक मिथक है क्योंकि देश की पूरी आबादी की रक्षा के लिए कम से कम 80 फीसदी लोगों में संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी की आवश्यकता है।
झुंड प्रतिरोधक क्षमता के बारे में पूछे जाने पर डॉ गुलेरिया ने कहा कि झंड प्रतिरोधक क्षमता हासिल करना आसान नहीं है। क्योंकि कोरोना वायरस खुद में बदलाव कर रहा है। इसके कारण वह उस व्यक्ति को भी प्रभावित कर सकता है जिसने दवा या टीकाकरण के जरिये रोग के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है। इसके कारण वह व्यक्ति भी फिर से कोरोना संक्रमित हो सकता है।