एसजेवीएन लिमिटेड द्वारा अखिल भारतीय कवि सम्‍मेलन का आयोजन

All India Kavi Sammelan organized by SJVN Limitedचिरौरी न्यूज

शिमला: एसजेवीएन लिमिटेड द्वारा अखिल भारतीय कवि-सम्‍मेलन का आयोजन होटल हॉली-डे-होम, शिमला के सभागार में आयोजित किया गया।  इस अवसर पर मुख्‍य अतिथि के रुप में अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, गीता कपूर, कार्यकारी निदेशक (मानव संसाधन), चन्‍द्र शेखर यादव सहित निगम के अनेक वरिष्‍ठ अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहे।

विद्युत मंत्रालय की हिन्‍दी सलाहकार समिति के सदस्‍य डॉ विकास दवे, डॉ यतीन्द्र कटारिया, प्रोफ़ेसर पूरन चंद टंडन, राजभाषा विभाग के उप निदेशक (कार्यान्वयन) के पी शर्मा तथा वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव तथा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रोफ़ेसर एवं पत्रकार अजय श्रीवास्तव भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेI

इस अवसर पर अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक महोदय ने अपने संबोधन में कहा कि निगम के कर्मचारियों को अपना काम हिन्‍दी में करने के लिए प्रेरित करने का हर संभव प्रयास किया जाता है।

उन्‍होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि हिन्‍दी संबंधी कार्यक्रमों में कर्मचारी बड़े मनोयोग से भाग लेते हैं। उन्‍होंने कहा कि अपने रोजमर्रा के कार्यालयी कामकाज में हम राजभाषा के रुप में हिन्‍दी से रु-ब-रु होते ही हैं।

इस अखिल भारतीय कवि सम्‍मेलन के माध्‍यम से श्रोताओं ने हिन्‍दी के साहित्यिक रुप का आनंद लिया।  यह सौभाग्‍य एवं गर्व की बात है कि भारत के प्रतिष्ठित कवियों ने अपनी हास्‍य रचनाओं के जरिए न केवल श्रोताओं को हंसाया बल्कि मानवीय संवेदनाओं एवं भावनाओं की अभिव्‍यक्ति भी करवाई। यह आयोजन हिन्‍दी के अन्‍य क्षेत्रों में निगम की प्रतिभागिता बढ़ाने के हमारे प्रयासों की सूचक है।

अखिल भारतीय कवि सम्‍मेलन के दौरान आमंत्रित कवियों में पद्मश्री डॉ.सुनील जोगी, विनीत चौहान, कीर्ति काले, राजेश चेतन, केसर देव मारवाड़ी तथा राजेश अग्रवाल जैसे हिन्‍दी साहित्‍य के दिग्‍गज, नामी एवं नवोदित कवियों ने हास्‍य रस एवं सामाजिक संदेश से ओत-प्रोत अपनी कविताओं और गीतों से श्रोताओं को मंत्रमुग्‍ध कर दिया।

उन्‍होंने भ्रष्‍टाचार से लेकर जीवन के विभिन्‍न पक्षों पर कटाक्ष करते हुए जीवन जीने की राह दिखाने का प्रयास किया। पद्मश्री डॉ.सुनील जोगी ने अपनी ओजपूर्ण परिचित गेय शैली में प्रभावपूर्ण रचनाओं से जहां एक ओर श्रोताओं को मंत्रमुग्‍ध कर दिया वहां दूसरी ओर उपस्थित कवियों ने अपनी श्रृंगाररस की कविताओं से सबका मन मोह लिया और राष्‍ट्रप्रेम तथा सामाजिक विषयों पर अपनी-अपनी रचनाएं प्रस्‍तुत की।  कवियों की रचनाओं एवं  हास्‍यपूर्ण अदाओं, मिमिकरी और कविताओं से श्रोताओं को न केवल हंसाया बल्कि सामाजिक विसंगतियों पर कुठाराघात करते हुए श्रोताओं को सोचने पर मजबूर भी कर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *