ज्ञानवापी में पूजा, सर्वे के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिकाएं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली:इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा करने की हिंदुओं की याचिका को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने वाराणसी अदालत के समक्ष लंबित हिंदू उपासकों द्वारा दायर 1991 के दीवानी मुकदमे की स्थिरता के खिलाफ दो याचिकाओं और 2021 के एएसआई सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ तीन याचिकाओं को खारिज कर दिया।
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर के बीच स्वामित्व को लेकर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने याचिकाएं दायर की थीं।
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल-न्यायाधीश पीठ ने निचली अदालत को मामले पर छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी करने को भी कहा।
हाई कोर्ट ने आगे कहा कि अगर सर्वे करते समय कुछ रह गया है तो दोबारा किया जा सकता है और रिपोर्ट वाराणसी कोर्ट में सौंपी जा सकती है।
मुस्लिम पक्ष ने उस सिविल मुकदमे को चुनौती दी थी जिसमें पूजा करने का अधिकार और मस्जिद परिसर में एएसआई सर्वेक्षण के वाराणसी अदालत के 2021 के आदेश की मांग की गई थी। उन्होंने तर्क दिया था कि सिविल सूट 1991 के पूजा स्थल अधिनियम के तहत वर्जित था।
इस बीच, हिंदू पक्ष ने अपने सिविल मुकदमे में कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद काशी विश्वनाथ मंदिर का एक हिस्सा है। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि 1991 का सिविल मुकदमा चलने योग्य है और पूजा स्थल अधिनियम द्वारा वर्जित नहीं है।