45 साल की उम्र में वापसी की शानदार कहानी: वीनस विलियम्स ने DC ओपन में दर्ज की ऐतिहासिक जीत

Venus Williams will return to the tennis court at the age of 45, will play her first match in DC Open after 16 monthsचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: टेनिस की दिग्गज खिलाड़ी वीनस विलियम्स ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उम्र केवल एक संख्या है। 45 साल की उम्र में कोर्ट पर वापसी करते हुए उन्होंने मंगलवार रात DC ओपन में 23 वर्षीय पेयटन स्टर्न्स को सीधे सेटों में 6-3, 6-4 से हराकर इतिहास रच दिया। इस जीत के साथ वीनस पेशेवर टेनिस में टूर-स्तरीय सिंगल्स मैच जीतने वाली दूसरी सबसे उम्रदराज महिला खिलाड़ी बन गई हैं। उनसे पहले यह कारनामा सिर्फ मार्टिना नवरातिलोवा ने किया था, जिन्होंने 2004 में 47 साल की उम्र में सिंगल्स मैच जीता था।

मैच के बाद वीनस ने कहा, “हर हफ्ते जब मैं ट्रेनिंग कर रही थी तो लगता था कि मैं अभी तैयार नहीं हूं। फिर कुछ हफ्तों में बहुत सुधार होता था। कभी-कभी लगता कि यह वापसी संभव नहीं है। यहां तक कि मैच से एक हफ्ते पहले भी लगा कि मुझे और बेहतर होना पड़ेगा। यह सब दिमागी खेल है।” यह वीनस का पिछले एक साल में पहला सिंगल्स मैच और लगभग दो साल में पहली जीत थी। उन्होंने मार्च 2024 में मियामी में आखिरी बार सिंगल्स मैच खेला था और अगस्त 2023 में सिनसिनाटी में अपनी अंतिम जीत दर्ज की थी। इस दौरान वह यूटेराइन फायब्रॉइड सर्जरी के चलते कोर्ट से दूर रहीं और डब्ल्यूटीए ने उन्हें ‘इनएक्टिव’ घोषित कर रखा था।

वाशिंगटन डीसी में आयोजित इस हार्ड कोर्ट टूर्नामेंट में वीनस को देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक जुटे थे। स्टेडियम में उनके प्रवेश से लेकर हर सर्व और विनर पर जोरदार तालियां गूंजीं। उन्होंने अपने करियर की झलक दिखाते हुए दमदार सर्विस की — कई बार स्पीड 110 मील प्रति घंटे से ऊपर गई। वीनस ने मैच की शुरुआत ही एक रिटर्न विनर से की और फिर ड्रॉप शॉट पर दौड़कर शानदार फोरहैंड विनर मारा।

स्टर्न्स, जो दुनिया की 35वीं रैंकिंग पर हैं और NCAA की चैंपियन रही हैं, खुद भी वीनस के खेल से प्रभावित दिखीं। उन्होंने कहा, “उन्होंने शानदार टेनिस खेली। वो बहुत अच्छी तरह मूव कर रही थीं, जो मुझे उम्मीद नहीं थी। उनकी सर्विस जबरदस्त थी।”

हालांकि, मैच के शुरुआती गेम में वीनस कुछ संघर्ष में दिखीं और बिना एक पॉइंट जीते सर्विस गंवा दी। लेकिन इसके बाद उन्होंने शानदार वापसी की। मैच खत्म करने में उन्हें थोड़ा संघर्ष करना पड़ा क्योंकि वह लगातार पांच मैच प्वाइंट्स गंवा चुकी थीं। मगर आखिर में उन्होंने 112 मील प्रति घंटे की रफ्तार से सर्व कर स्टर्न्स से गलती करवा दी और जीत हासिल की। जीत के बाद उन्होंने मुस्कराते हुए मुट्ठी बांधी, नेट पर हाथ मिलाया और अपनी पहचान वाली पिरुएट और वेव के साथ दर्शकों का अभिवादन किया।

अपने प्रदर्शन पर उन्होंने कहा, “यह आसान नहीं है। यह किसी के लिए भी आसान नहीं होता। हर मैच के लिए मुझे लड़ना होगा, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं।” अब उनका मुकाबला पोलैंड की 27 वर्षीय और पांचवीं वरीयता प्राप्त मैग्डालेना फ्रेख से होगा। वीनस की यह जीत सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि संघर्ष, धैर्य और जुनून की मिसाल बन गई है, जो हर खिलाड़ी और खेलप्रेमी के लिए प्रेरणा है।

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