संविधान संशोधन बिल पर बोले अमित शाह: “नैतिकता का पाठ न पढ़ाए विपक्ष”

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें नैतिकता का पाठ पढ़ाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जब उन पर आरोप लगे और CBI ने समन भेजा, तो उन्होंने अगले ही दिन इस्तीफा दे दिया था। अमित शाह ने यह भी कहा कि जब तक उनके खिलाफ सभी आरोप खारिज नहीं हुए, उन्होंने किसी भी संवैधानिक पद की शपथ नहीं ली।
गृह मंत्री संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 को लेकर बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति भ्रष्टाचार में गले तक डूबा हुआ है, तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा, जेल जाना होगा और पद से इस्तीफा देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्पष्ट मानना है कि कोई भी मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री जेल से सरकार नहीं चला सकता।
शाह ने बताया कि इस विधेयक में यह प्रावधान है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या किसी मंत्री को किसी गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया जाता है और उन्हें 30 दिनों के भीतर जमानत नहीं मिलती, तो उन्हें पद से हटा दिया जाएगा। यदि ऐसा नहीं होता, तब भी उन्हें कानूनी रूप से स्वतः पदमुक्त कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि चुनी हुई सरकार द्वारा लाया गया कोई भी विधेयक या संवैधानिक संशोधन संसद में रखने का विपक्ष को विरोध नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रतिशोध की राजनीति की बात करना मुख्य विपक्षी पार्टी को शोभा नहीं देता।
अपना उदाहरण देते हुए शाह ने बताया कि जब उन्हें CBI ने समन किया, तो उन्होंने तत्काल इस्तीफा दे दिया। उनका केस चला, फैसला आया और अदालत ने कहा कि यह पूरी तरह से राजनीतिक प्रतिशोध का मामला था, और शाह का उस मामले से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें संदेह के लाभ के आधार पर नहीं, बल्कि पूरी तरह बरी किया गया था।
शाह ने यह भी बताया कि उन्हें 96वें दिन जमानत मिली थी, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने गृह मंत्री पद की शपथ नहीं ली थी। उन्होंने तब तक कोई भी संवैधानिक पद स्वीकार नहीं किया, जब तक कि उनके ऊपर लगे सभी आरोप पूरी तरह से समाप्त नहीं हो गए।
गृह मंत्री ने कहा कि नैतिकता का स्तर चुनावी जीत या हार से निर्धारित नहीं होता, बल्कि वह स्थायी होता है। उन्होंने विश्वास जताया कि संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 पास होकर रहेगा, और विपक्ष में भी कई लोग नैतिक आधार पर इसका समर्थन करेंगे।
