पटना में एक और सनसनीखेज क्राइम: बीजेपी नेता सुरेंद्र केवट की गोली मारकर हत्या, कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल

Another sensational crime in Patna: BJP leader Surendra Kewat shot dead, questions raised on law and order
(Representative Image)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: पटना एक बार फिर गोलियों की गूंज से दहल उठा है। मशहूर कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या के ठीक एक सप्ताह बाद, अब बिहार की राजधानी में बीजेपी नेता सुरेंद्र केवट की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना शेखपुरा इलाके में उस समय हुई जब 52 वर्षीय केवट खेत में काम कर रहे थे। बाइक पर सवार दो अज्ञात हमलावरों ने उन पर चार गोलियां चलाईं और मौके से फरार हो गए।

घटना के तुरंत बाद केवट को गंभीर हालत में पटना एम्स लाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही विधायक गोपाल रविदास और पूर्व मंत्री श्याम रजक एम्स पहुंचे और परिजनों से मुलाकात कर अस्पताल प्रशासन से सभी औपचारिकताएं जल्द पूरी करने का आग्रह किया।

पुलिस ने हत्या की जांच शुरू कर दी है। फॉरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। सुरेंद्र केवट बीजेपी किसान मोर्चा के नेता रह चुके थे। उनकी निर्मम हत्या ने इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है, खासकर इसलिए क्योंकि कुछ ही दिन पहले व्यापारी गोपाल खेमका की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या की गई थी।

यह हत्या उस वक्त सामने आई है जब बिहार में चुनावी माहौल तेज़ होता जा रहा है और नीतीश कुमार सरकार विपक्ष के कानून-व्यवस्था पर हमलों से जूझ रही है।

राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर सरकार को घेरा और लिखा, “और अब पटना में बीजेपी नेता की हत्या! क्या कहें और किससे कहें? क्या एनडीए सरकार में कोई है जो सच सुने या अपनी गलती माने?” उन्होंने आगे सवाल किया, “मुख्यमंत्री की तबीयत सबको पता है, लेकिन दो-दो निकम्मे उपमुख्यमंत्री क्या कर रहे हैं?”

कांग्रेस-राजद गठबंधन लगातार भाजपा-जदयू सरकार को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर घेर रहा है, और गोपाल खेमका की हत्या के बाद यह हमले और तेज हो गए हैं। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी हाल ही में बिहार सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि, “बिहार आज लूट, गोली और हत्या के साए में जी रहा है। अपराध नया सामान्य बन चुका है और सरकार पूरी तरह विफल है।” उन्होंने कहा, “हर हत्या, हर लूट, हर गोली बदलाव की पुकार है। अब वक्त आ गया है एक ऐसे बिहार का, जहां डर नहीं, तरक्की का माहौल हो। यह चुनाव सिर्फ सरकार बदलने का नहीं, बिहार को बचाने का है।”

वहीं, केंद्र सरकार में मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा, “अब मुख्यमंत्री आवास में अपराधियों को जगह नहीं मिलती, उन्हें गोली मिलती है। जो लोग कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए।”

लगातार हो रही हत्याओं और बढ़ते अपराध के बीच बिहार की राजनीति गरमा गई है और कानून-व्यवस्था एक बार फिर चुनावी बहस के केंद्र में आ गई है।

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