एशिया कप 2025: भारत-पाकिस्तान मैच से पहले सोशल मीडिया पर बहिष्कार की मुहिम से भारतीय खिलाड़ियों में तनाव

Asia Cup 2025: Indian players tense due to boycott campaign on social media before India-Pakistan matchचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच रविवार को होने वाले हाई-वोल्टेज मुकाबले से पहले सोशल मीडिया पर जोर पकड़ती ‘बहिष्कार’ की मांग ने भारतीय क्रिकेट टीम के ड्रेसिंग रूम में तनाव का माहौल बना दिया है।

कई युवा खिलाड़ी जैसे सूर्यकुमार यादव, शुभमन गिल और अन्य, सोशल मीडिया पर चल रहे विरोध और भावनात्मक बहस से प्रभावित हुए हैं और इससे वो प्रभावित हुए हैं।

टीम में मौजूद ज्यादातर खिलाड़ी सोशल मीडिया के सक्रिय उपयोगकर्ता हैं और ऐसे में बाहरी दबाव ने उन्हें असहज कर दिया है। बताया जा रहा है कि खिलाड़ियों ने इस मुद्दे को लेकर हेड कोच गौतम गंभीर और सपोर्ट स्टाफ के साथ बातचीत की, ताकि वे स्थिति को बेहतर तरीके से समझ सकें और खुद को मानसिक रूप से संभाल सकें।

ड्रेसिंग रूम में तनाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शनिवार को होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में न तो कोच गंभीर और न ही कप्तान सूर्यकुमार यादव मौजूद रहे। इसके बजाय असिस्टेंट कोच रयान टेन डोशेट को भेजा गया। आमतौर पर इस तरह के बड़े मुकाबलों से पहले टीम के मुख्य चेहरे प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब टेन डोशेट से पूछा गया कि क्या खिलाड़ी मैदान पर अपनी भावनाएं साथ लेकर उतरेंगे, तो उन्होंने कहा, “हां, मुझे लगता है कि खिलाड़ी ऐसा करेंगे। यह एक बेहद संवेदनशील मामला है। मुझे यकीन है कि खिलाड़ी भारतीय जनता की भावनाओं को समझते और साझा करते हैं। एशिया कप काफी समय तक अधर में लटका रहा था, और हम भी नहीं जानते थे कि यह टूर्नामेंट होगा या नहीं। लेकिन सरकार की स्थिति सबको पता है।”

डच मूल के कोच टेन डोशेट ने आगे कहा कि वे जनता की भावनाओं को समझते हैं, लेकिन टीम अब सिर्फ क्रिकेट पर फोकस करना चाहती है।

“हम लोगों की भावनाओं से वाकिफ हैं। लेकिन अब खिलाड़ी देश के लिए खेलने जा रहे हैं। जितना संभव हो सके, वे पेशेवर रहेंगे और अपनी पूरी क्षमता से खेलेंगे।”

कोच गौतम गंभीर की ओर से खिलाड़ियों को क्या संदेश दिया गया, इस पर टेन डोशेट ने कहा, ” गौतम का संदेश साफ है, उन चीजों की चिंता मत करो जो हमारे नियंत्रण में नहीं हैं। क्रिकेट पर फोकस रखो और भावनाओं को काबू में रखकर प्रोफेशनली खेलो। हर खिलाड़ी इस मुद्दे को अलग-अलग तरीके से महसूस कर सकता है, लेकिन टीम का फोकस सिर्फ एक ही चीज़ पर है, पाकिस्तान के खिलाफ मैच जीतना।”

भारत-पाकिस्तान मुकाबला हमेशा ही उच्च स्तरीय दबाव वाला होता है, लेकिन इस बार राजनीतिक माहौल और सोशल मीडिया की तीव्र प्रतिक्रियाएं इसे और भी असाधारण बना रही हैं। अब देखना यह है कि खिलाड़ी इस मानसिक दबाव से कैसे निपटते हैं और मैदान पर अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन दे पाते हैं या नहीं।

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