भगिनी निवेदिता कॉलेज में दो महीने से नहीं मिली सैलरी, शिक्षकों और कर्मचारियों को आर्थिक संकट का सामना
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध भगिनी निवेदिता कॉलेज के शिक्षण और अशैक्षणिक कर्मचारियों को पिछले दो महीनों से वेतन नहीं मिला है, जिससे वे गंभीर आर्थिक, मानसिक और पारिवारिक संकट का सामना कर रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर विश्वविद्यालय के डीन प्रो. बलराम पनी को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई है।
इस पत्र में बताया गया है कि कॉलेज की पूर्व प्राचार्या के स्थानांतरण के बाद, कॉलेज के बर्सर को प्राचार्य का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया। लेकिन तकनीकी अड़चन यह है कि एक ही व्यक्ति, बर्सर और प्राचार्य दोनों के रूप में वेतन हस्ताक्षर करने को तैयार नहीं है, जिससे वेतन वितरण की प्रक्रिया पूरी तरह से ठप हो गई है।
शिक्षक और कर्मचारी अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतों जैसे कि भोजन, दवाइयों और बच्चों की पढ़ाई जैसी आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ हो रहे हैं। इस देरी से उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
इस मुद्दे को उठाते हुए कार्यकारी परिषद सदस्य राजपाल सिंह पंवार, और अकादमिक परिषद तथा डीयूटीए के अन्य सदस्यों, डॉ. ममता चौधरी, डॉ. रामकिशोर यादव, प्रो. टी. एन. ओझा, डॉ. पवन कुमार, प्रो. बिमलेन्दु तीर्थंकर और डॉ. धनराज मीणा ने इस स्थिति को ‘गंभीर प्रशासनिक लापरवाही’ बताया है और इसे तुरंत सुलझाने की मांग की है।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि यह समस्या केवल भगिनी निवेदिता कॉलेज तक सीमित नहीं है। दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों में वेतन भुगतान में लगातार देरी एक सामान्य समस्या बन चुकी है। यह देरी प्रशासनिक ढिलाई और जवाबदेही के अभाव के कारण हो रही है।
अधिकारियों से अपील की गई है कि वे इस संवेदनशील मसले में तत्काल कार्रवाई करें, ताकि कर्मचारियों को और अधिक आर्थिक व मानसिक पीड़ा से गुजरना न पड़े और उन्हें उनका हक़ समय पर मिल सके।