तमिलनाडु BJP में बड़ा बदलाव संभव: अमित शाह की चेन्नई यात्रा के बीच नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज

Big change possible in Tamil Nadu BJP: Speculation of leadership change intensifies amid Amit Shah's Chennai visitचिरौरी न्यूज

चेन्नई: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की चेन्नई यात्रा के साथ ही तमिलनाडु भारतीय जनता पार्टी (BJP) में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। शाह का यह दौरा कई अहम बैठकों और मुलाकातों से जुड़ा है, लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान इस बात पर है कि क्या पार्टी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई की भूमिका में बदलाव होने जा रहा है।

यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मौजूदा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। इससे यह चर्चा तेज हो गई है कि पार्टी नेतृत्व में बड़ा बदलाव होने वाला है।

सूत्रों के अनुसार, पिछले महीने AIADMK महासचिव एडप्पडी के. पलानीस्वामी (EPS) ने अमित शाह से अचानक मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद उन्होंने अन्नामलाई को हटाने या उनके अधिकार सीमित करने की मांग की थी। इस बैठक के बाद EPS के चेहरे पर खुशी देखी गई थी, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि भाजपा में समीकरण बदल रहे हैं।

हालांकि पार्टी के नियमों के अनुसार, अध्यक्ष बनने के लिए कम से कम 10 साल की प्राथमिक सदस्यता जरूरी है, जिससे नागेन्द्रन (2017 में शामिल) और अन्नामलाई (2021 में शामिल) फिलहाल बाहर हो जाते हैं। लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि ज़रूरत पड़ने पर नियमों में बदलाव संभव है।

RSS विचारक एस. गुरुमूर्ति से शाह की मुलाकात इस पूरे घटनाक्रम का अहम हिस्सा मानी जा रही है। गुरुमूर्ति को न सिर्फ अन्नामलाई के राजनीतिक उदय में भूमिका निभाने वाला माना जाता है, बल्कि AIADMK की आंतरिक राजनीति और ‘धर्मयुद्ध’ में भी उनकी अहम भूमिका रही है। गुरुवार को खुद अन्नामलाई ने भी गुरुमूर्ति से मुलाकात की थी।

सूत्रों की मानें तो पार्टी ने लगभग तय कर लिया है कि AIADMK को केंद्र में रखकर तमिलनाडु में NDA गठबंधन को आगे बढ़ाया जाएगा। इसी रणनीति के तहत भाजपा अध्यक्ष का चयन भी किया जाएगा, जिससे दोनों दलों में बेहतर तालमेल बन सके।

तमिलनाडु बीजेपी में नेतृत्व को लेकर बड़ा बदलाव अब बस औपचारिक घोषणा भर दूर लग रहा है। अमित शाह की यह यात्रा न सिर्फ पार्टी के भविष्य की दिशा तय करेगी, बल्कि राज्य की राजनीति में भाजपा की स्थिति को भी नई परिभाषा दे सकती है।

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