उप-राष्ट्रपति चुनाव से पहले BJP का मॉक पोल ड्रिल: सांसदों को मतदान प्रक्रिया की दी गई ट्रेनिंग

BJP's mock poll drill before the Vice-Presidential election: MPs were given training on the voting processचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: उप-राष्ट्रपति चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी तैयारियों को धार देने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। संसद परिसर स्थित GMC बालयोगी ऑडिटोरियम में आयोजित इस ‘संसद कार्यशाला’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,“दिल्ली में आयोजित ‘संसद कार्यशाला’ में भाग लिया। देशभर के सांसद साथियों और वरिष्ठ नेताओं से विभिन्न मुद्दों पर सार्थक संवाद हुआ। हमारे संगठन में ऐसे मंच बेहद उपयोगी होते हैं, क्योंकि यहां से हम एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखते हैं और यह सोचते हैं कि जनता की सेवा को और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है।”

BJP का मॉक पोल अभ्यास

सूत्रों के अनुसार, कार्यशाला के दौरान सांसदों के लिए मॉक पोल यानी नकली मतदान की एक ड्रिल भी कराई गई, ताकि उन्हें उप-राष्ट्रपति चुनाव की मतदान प्रक्रिया में पारंगत किया जा सके।

यह ड्रिल खासतौर पर इसलिए आयोजित की गई क्योंकि आगामी 9 सितंबर को होने वाला उप-राष्ट्रपति चुनाव राजनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

इस बार ‘दक्षिण बनाम दक्षिण’ की टक्कर

इस बार का उप-राष्ट्रपति चुनाव दक्षिण भारत की दो हस्तियों के बीच मुकाबला बन गया है। NDA की ओर से तमिलनाडु से सी.पी. राधाकृष्णन, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और RSS से पुराने संबंध रखते हैं, मैदान में हैं। वहीं विपक्ष की ओर से तेलंगाना से बी. सुदर्शन रेड्डी, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज, को संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर उतारा गया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बी. सुदर्शन रेड्डी को पेश करते हुए कहा, “यह चुनाव एक वैचारिक लड़ाई है। रेड्डी जी गरीबों के हितैषी हैं और उन मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन पर हमारा संविधान और लोकतंत्र आधारित है।”

मतदान प्रक्रिया और चुनावी गणित

उप-राष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्यों से बने इलेक्टोरल कॉलेज द्वारा किया जाता है। इस बार कुल 788 सदस्यों में से 782 वोट डालेंगे, क्योंकि कुछ सीटें रिक्त हैं। यह चुनाव गुप्त मतदान और प्रत्येकांतरणीय एकल मत प्रणाली (single transferable vote) के आधार पर संपन्न होता है।

यह उप-चुनाव इसलिए कराया जा रहा है क्योंकि पूर्व उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने चिकित्सकीय कारणों के चलते कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। उल्लेखनीय है कि उप-राष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति (Ex-Officio Chairman) भी होते हैं, जिससे यह पद संसदीय राजनीति में विशेष महत्व रखता है।

अब देखना दिलचस्प होगा कि 9 सितंबर को NDA की रणनीति भारी पड़ती है या विपक्ष की वैचारिक एकता रंग लाती है।

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