बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश: योगी आदित्यनाथ पर बनी फिल्म ‘अजय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी’ बिना कट के रिलीज़ होगी 

Bombay High Court orders: Film 'Ajay: The Untold Story of a Yogi' based on Yogi Adityanath will be released without cutsचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली:  बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) को निर्देश दिया है कि वह आगामी फिल्म ‘अजय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी’ को बिना किसी कट या संशोधन के प्रमाणपत्र दे और इसके सिनेमाई प्रदर्शन की अनुमति दे। अदालत का यह फैसला सोमवार को आया, जब लगातार अनदेखी और असहयोग के आरोपों के बीच इस मामले पर सुनवाई हुई।

कोर्ट ने खुद सप्ताहांत में यह फिल्म देखी और सोमवार को स्पष्ट किया कि फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है, जिसकी वजह से CBFC इसे प्रमाणन देने से इनकार करे।

CBFC की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राम आप्टे ने तर्क दिया कि फिल्म में अश्लीलता है और यह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए मानहानिकारक हो सकती है। जब अदालत ने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने फिल्म देखी है, तो उन्होंने जवाब में कहा कि नहीं।

इस पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, “हमने फिल्म को संदर्भ सहित देखा है और हमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगा। जिन बिंदुओं की ओर आपने ध्यान दिलाया था, वहां हम रुके और सब कुछ ध्यान से देखा। किसी भी प्रकार की री-एडिटिंग की आवश्यकता नहीं है।”

कोर्ट ने यह सुझाव जरूर दिया कि फिल्म में एक अतिरिक्त डिस्क्लेमर जोड़ा जाए, जिसमें स्पष्ट किया जाए कि यह एक रचनात्मक कृति है और इसके पात्र काल्पनिक हैं। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट के सामने एक संशोधित डिस्क्लेमर पेश किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया और उसे फिल्म से जोड़ने का निर्देश दिया गया।

साम्राट सिनेमैटिक्स इंडिया प्रा. लि. की ओर से याचिका दायर की गई थी, जिनका प्रतिनिधित्व अधिवक्ता रवि कदम, सतत्य आनंद और निखिल अड़धे ने किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि पहले CBFC ने फिल्म में 29 कट लगाने को कहा था, जिसे बाद में संशोधन समिति ने घटाकर 21 किया, लेकिन निर्माता इन कट्स से सहमत नहीं थे और इसलिए उन्होंने न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया।

कोर्ट ने यह भी नोट किया कि फिल्म एक किताब ‘द मोंक हू बिकेम चीफ मिनिस्टर’ पर आधारित है। जब अदालत ने पूछा कि क्या CBFC के वकील ने वह किताब पढ़ी है, तो उन्होंने भी इससे इनकार किया।

याचिकाकर्ताओं ने बॉम्बे हाईकोर्ट के एक पुराने फैसले का हवाला दिया, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि किसी फिल्म को इस आधार पर प्रमाणन से इनकार नहीं किया जा सकता कि वह किसी व्यक्ति या सच्ची घटनाओं पर आधारित है।

कोर्ट ने CBFC द्वारा दिए गए सभी कारणों को खारिज करते हुए फिल्म को प्रमाणपत्र जारी करने का आदेश दिया और निर्देश दिया कि फिल्म अब बिना किसी संशोधन या कट के थिएटर में रिलीज की जा सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *