ब्रिटिश लिंग्वा ने अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस उत्साहपूर्वक मनाया

चिरौरी न्यूज

पटना: अंग्रेजी प्रशिक्षण और व्यक्तित्व विकास के क्षेत्र में अग्रणी संस्थान ब्रिटिश लिंग्वा ने अपने पटना परिसर में अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस के अवसर पर एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर संस्थान के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने नृत्य की सजीव प्रस्तुतियों के माध्यम से इसकी विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि को उत्सव के रूप में मनाया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक डॉ. बीरबल झा ने की, जो प्रख्यात अंग्रजी साहित्यकार , लेखक, सांस्कृतिक प्रवर्तक और सामाजिक सुधारक के रूप में जाने जाते हैं। अपने प्रेरणादायी संबोधन में डॉ. झा ने कहा: “नृत्य और संगीत आत्मा की शाश्वत भाषाएँ हैं। ये केवल कला के रूप नहीं, बल्कि मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक कल्याण के लिए समग्र उपचार हैं।”

उन्होंने नृत्य को मानवीय अभिव्यक्ति, परंपरा और उपचार का प्राचीन माध्यम बताते हुए भारतीय शास्त्रीय नृत्य जैसे भरतनाट्यम, कथक और ओडिसी, साथ ही लोक नृत्य जैसे भांगड़ा, गरबा और लावणी की सांस्कृतिक महत्ता पर प्रकाश डाला। समकालीन नृत्य शैलियों और वैश्विक फ्यूज़न प्रवृत्तियों की चर्चा करते हुए उन्होंने नृत्य को पीढ़ियों और संस्कृतियों के बीच सेतु बताया।

डॉ. झा ने कहा: “मंदिर की पूजा से लेकर वैश्विक मंचों तक, नृत्य ने मानवता को एक सूत्र में पिरोया है। जब हम नृत्य का उत्सव मनाते हैं, तो वास्तव में हम मानव आत्मा और उसकी रचनात्मकता का उत्सव मनाते हैं।”

कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने विभिन्न शास्त्रीय और आधुनिक नृत्य प्रस्तुतियाँ दीं, जो दर्शकों की सराहना का केंद्र बनीं। इस अवसर ने शिक्षा में प्रदर्शन कलाओं की भूमिका और व्यक्तित्व विकास में उसकी उपयोगिता को रेखांकित किया।

ब्रिटिश लिंग्वा, डॉ. झा के नेतृत्व में, न केवल अंग्रेजी भाषा शिक्षण का केंद्र बना है, बल्कि यह सांस्कृतिक चेतना और समग्र विकास का भी सशक्त मंच बन चुका है।

कार्यक्रम का समापन एक सजीव संदेश के साथ हुआ— “आइए, जीवन को रचनात्मकता, लय और आनंद के साथ अपनाएं—नृत्य के प्रकाश में थिरकते हुए!”

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