कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम का पैसा जरी करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र

Played with national security during UPA government: Captain Amarinder Singhच्रिरौरी न्यूज़

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य के बकाया फंडों और अनुसूचित जातियों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप (पी.एम.एस.-एस.सीज़) के अंतर्गत साल 2017-2020 के लिए साझेदारी के संशोधित हुए पैटर्न की राशि जारी करने की माँग की है।

अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि हालाँकि भारत सरकार ने 31 दिसंबर, 2020 को केंद्र और राज्यों (60:40) के दरमियान साझेदारी का सुधारा हुआ पैटर्न पेश करने के लिए स्कॉलरशिप सम्बन्धी दिशा-निर्देशों में संशोधन किया था और इसको सिफऱ् 1 अप्रैल, 2020 से लागू किया गया था। हालाँकि 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2020 की समय-सीमा के लिए इस मुद्दे पर कोई फ़ैसला नहीं दिया गया था, जिससे लाखों अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में पड़ गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी तरफ से अक्तूबर 2018 और 9 फरवरी, 2020 को लिखे गए अर्ध सरकारी पत्रों में उन्होंने इस योजना के अंतर्गत राज्य की बकाया राशि सम्बन्धी राज्य की चिंता को प्रधानमंत्री के ध्यान में लाया था। उन्होंने बताया कि इस योजना के अधीन भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा साल 2017-20 के लिए केंद्र के हिस्से के 1563 करोड़ रुपए बकाया हैं और कहा कि उनको अभी तक इन पत्रों का कोई जवाब नहीं मिला।

यह जि़क्र करते हुए कि देश में से पंजाब में अनुसूचित जाति की आबादी की प्रतिशतता सबसे अधिक है, मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पक्ष से पंजाब की तरफ विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके अलावा एक सरहदी राज्य होने के कारण यह सुनिश्चत करने की ज़रूरत है कि राज्य के नौजवानों को शिक्षा और रोजग़ार का मौका मिले, जिससे वह समाज विरोधी और देश विरोधी तत्वों से बचे रहें। इसलिए पी.एम.एस.-एस.सीज़ के अधीन स्कॉलरशिप फंड जारी न करने से अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों की शिक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ेगा, जो अपनी जेब से फीस अदा करने में असमर्थ हैं।

 

 

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