विज़न फॉर विकसित भारत-2024 के प्रांतीय शोधार्थी सम्मेलन में प्रमाणपत्र वितरित
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारतीय शिक्षण मंडल, दिल्ली प्रांत एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आज “विविभा 2024 – राष्ट्रीय शोधपत्र लेखन प्रतियोगिता” के अंतर्गत प्रांत-स्तर पर चयनित प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरण समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन और माँ भारती के चित्र पर पुष्पांजलि के साथ हुआ।
भारतीय शिक्षण मंडल की आनुषंगिक इकाई “युवा आयाम” द्वारा आयोजित इस सम्मान समारोह में दिल्ली प्रांत के 700 उत्कृष्ट शोधकर्ताओं को उनके शोधपत्रों के लिए प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज के सभागार में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में श्री बी. आर. शंकरानंद जी, अखिल भारतीय संगठन मंत्री, भारतीय शिक्षण मंडल, मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ जितेन्द्र सिंह, विज्ञान एवं तकनीकी राज्य मंत्री, भारत सरकार तथा विशिष्ट और सम्माननीय अतिथि के रूप में प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे, अध्यक्ष, नैक कार्यकारिणी परिषद् एवं प्रो. राजीव आहूजा, निदेशक आइआइटी, रोपड़ उपस्थित रहे।
श्री बी. आर. शंकरानंद जी ने इस अवसर पर पाठ्यक्रम, शोध, शिक्षा शास्त्र, प्रकाशन, शिक्षक गुणवत्ता के साथ साथ ग्रामीण विकास, स्किल डेवलपमेंट और स्व रोजगार की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए समाज को लाभ पहुंचाने वाले शोध पर जोर दिया।
डॉ जितेन्द्र सिंह ने सरकार द्वारा युवाओं के लिए स्टार्ट अप, रोजगार, शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के अवसरों पर चर्चा की। उन्होनें 2047 के विकसित भारत बनाने के लक्ष्य प्राप्ति के लिए शिक्षण, सरकारी और निजी संस्थान के साथ काम करने की आवश्यकता बताई।
प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे ने सतत विकास के साथ आर्थिक प्रगति और नवाचार, कौशल विकास, और बुनियादी ढांचे के महत्व पर बल दिया।
प्रो. राजीव आहूजा ने शोध को विकास कि जननी कहा और शोधार्थियों को शोध में सह्कार्यता का मन्त्र दिया।
इस अवसर पर प्रोफेसर अजय कुमार सिंह, गणपति तेती, डॉ नरेश तंवर, प्रो. आदित्य प्रकाश त्रिपाठी, प्रो. विजिता अग्रवाल, डॉ सुशील कुमार तिवारी, डॉ मंजू गोयल, डॉ धर्मेन्द्र नाथ तिवारी सहित कई गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में कॉलेज की प्राचार्या प्रो. सविता रॉय ने सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया।