कांग्रेस मानसून सत्र में केंद्र सरकार को घेरेगी, पहलगाम आतंकी हमला, ट्रंप के दावे और चुनावी गड़बड़ियों को बनाएगी मुद्दा

Congress will surround the central government in the monsoon session, will make the issues of Pahalgam terrorist attack, Trump's claims and election irregularities
(File Screenshot/Congress Twitter Video)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: आगामी संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। पार्टी का फोकस विशेष रूप से पहलगाम आतंकी हमले की अब तक की ‘असफल’ जांच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान के बीच ‘सीजफायर मध्यस्थता’ के दावे और महाराष्ट्र, हरियाणा व बिहार में कथित चुनावी गड़बड़ियों पर रहेगा।

इस रणनीति को कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की उच्च स्तरीय बैठक में अंतिम रूप दिया गया, जिसकी अध्यक्षता यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने की। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी सरकार को राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर जवाबदेह ठहराएगी। उन्होंने कहा, “पहलगाम में हुए आतंकी हमले को तीन महीने से अधिक हो चुके हैं, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। अब तक आतंकियों का कोई सुराग नहीं मिला है। वे कहां गए? आखिर सरकार क्या कर रही है?”

तिवारी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को भी उठाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के समय उन्होंने ‘मध्यस्थता’ कर सीजफायर में भूमिका निभाई थी। उन्होंने सवाल उठाया कि भारत सरकार ने अब तक इन दावों पर न तो कोई पुष्टि की और न ही खंडन किया, जो संदेह पैदा करता है।

कांग्रेस महाराष्ट्र, हरियाणा और हाल ही में बिहार में चुनावी प्रक्रियाओं में कथित धांधलियों को भी प्रमुख मुद्दा बनाएगी। पार्टी का कहना है कि इन घटनाओं ने चुनावी प्रक्रिया और संस्थाओं की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इसके अलावा, कांग्रेस महिलाओं और अनुसूचित जातियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों, खासकर बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में, को लेकर सरकार को घेरने की योजना बना रही है। पार्टी जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की लंबे समय से लंबित मांग को भी फिर से जोर-शोर से उठाएगी।

प्रमोद तिवारी ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग की भूमिका और कार्यशैली पर भी सवाल उठाएगी। उन्होंने जानकारी दी कि मानसून सत्र से पहले इंडिया गठबंधन (INDIA Bloc) के सहयोगी दलों की एक अहम बैठक होगी, जिसमें संसद के दोनों सदनों में सामूहिक रणनीति और समन्वय पर चर्चा होगी।

कांग्रेस का यह आक्रामक रुख आगामी सत्र को काफी गर्मा सकता है और विपक्षी एकता की एकजुट कोशिश को भी मजबूती दे सकता है।

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