शशि थरूर की राष्ट्रीय सुरक्षा पर राय को लेकर कांग्रेस में बढ़ा विवाद, के. मुरलीधरन बोले, “अब पार्टी कार्यक्रमों में नहीं बुलाएंगे”

Controversy escalates in Congress over Shashi Tharoor's opinion on national security, K. Muralidharan said, "Now he will not be invited to party programs"चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम: कांग्रेस पार्टी के भीतर गहराते मतभेदों के बीच वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन ने रविवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि जब तक शशि थरूर राष्ट्रीय सुरक्षा पर अपना रुख नहीं बदलते, उन्हें तिरुवनंतपुरम में पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाएगा।

इस बयान ने केरल कांग्रेस नेतृत्व और शशि थरूर के बीच बढ़ती खटास को और उजागर कर दिया है।

पत्रकारों से बातचीत में मुरलीधरन ने कहा, “जब तक वह (थरूर) अपना रुख नहीं बदलते, हम उन्हें किसी भी पार्टी कार्यक्रम में नहीं बुलाएंगे। वह हमारे साथ नहीं हैं, तो बहिष्कार का सवाल ही नहीं उठता।”

कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के सदस्य मुरलीधरन ने यहां तक कह दिया कि अब थरूर “हमारे अपने” नहीं रहे।

यह बयान ऐसे समय पर आया है जब कांग्रेस और INDIA गठबंधन संसद के मानसून सत्र में मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बना रहे हैं। इस सत्र में पहलगाम आतंकी हमले में सुरक्षा चूक और सरकार के हाई-प्रोफाइल ऑपरेशन सिंदूर के नतीजों को लेकर सवाल उठाए जाने की संभावना है।

गौरतलब है कि थरूर ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत अमेरिका दौरे का नेतृत्व किया था और कोच्चि में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि “देश को हमेशा दल से ऊपर रखना चाहिए।”

थरूर के इस रुख — जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सशस्त्र बलों और केंद्र सरकार के समर्थन की बात कही — को कांग्रेस के अंदर से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

थरूर ने जवाब में कहा, “कई लोग मुझे राष्ट्र को पहले रखने के लिए निशाना बना रहे हैं, लेकिन मैं अपने विचार पर कायम रहूंगा क्योंकि यही देश के लिए सही है।”

हालांकि, मुरलीधरन और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता थरूर के रुख से नाराज़ हैं। हाल ही में थरूर द्वारा साझा किए गए एक सर्वेक्षण — जिसमें उन्हें UDF की ओर से सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री चेहरा बताया गया — पर भी मुरलीधरन ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी।

मुरलीधरन बोले, “उन्हें पहले यह तय करना चाहिए कि वे किस पार्टी में हैं।”

थरूर द्वारा मलयालम अख़बार में आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी की नीतियों की आलोचना करने वाले लेख ने पार्टी के भीतर और नाराज़गी पैदा कर दी है।

मुरलीधरन ने स्पष्ट रूप से कहा, “अगर उन्हें कांग्रेस में असहजता महसूस हो रही है, तो उन्हें अपनी राजनीतिक दिशा स्पष्ट कर लेनी चाहिए।”

कांग्रेस की अंदरूनी कलह अब एक खुले टकराव का रूप ले चुकी है, जिससे न केवल शशि थरूर के पार्टी में भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि 2026 केरल विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की एकता की कोशिशें भी मुश्किल में पड़ती दिख रही हैं।

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