दीपिका पादुकोण की पादुकोण बैडमिंटन स्कूल ने पूरे देश में बढ़ाया विस्तार, जल्द 100 केंद्रों का लक्ष्य

Deepika Padukone's Padukone Badminton School expands across the country, aims to have 100 centres soonचिरौरी न्यूज

बेंगलुरु: मशहूर अभिनेत्री और पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पदुकोण की बेटी दीपिका पादुकोण ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर बैडमिंटन के प्रति अपने प्रेम और इस खेल के जीवन में निभाए गए अहम भूमिका के बारे में बात की। दीपिका ने बताया कि कैसे इस खेल ने उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

दीपिका के पादुकोण स्कूल ऑफ बैडमिंटन (PSB) ने अपनी पहली सालगिरह पर देशभर में 75 से अधिक ग्रासरूट कोचिंग सेंटर स्थापित करने का बड़ा मुकाम हासिल किया है। यह केंद्र 18 प्रमुख शहरों जैसे बेंगलुरु, एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, जयपुर, पुणे, नासिक, मैसूर, पानीपत, देहरादून, उदयपुर, कोयंबटूर, संगली और सूरत में स्थित हैं।

दीपिका ने अपने संदेश में कहा, “पादुकोण स्कूल ऑफ बैडमिंटन के माध्यम से, हम बैडमिंटन की खुशी और अनुशासन को सभी वर्गों तक पहुंचाना चाहते हैं और एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण करना चाहते हैं जो स्वस्थ, केंद्रित और खेल से प्रेरित हो।”

प्रेस नोट में बताया गया है कि PSB का मिशन “बैडमिंटन फॉर ऑल” है, जिसके तहत वे गुणवत्ता युक्त और किफायती बैडमिंटन कोचिंग सभी के लिए उपलब्ध कराना चाहते हैं। इस लक्ष्य को लेकर PSB ने बताया कि वे इस वर्ष के अंत तक 100 केंद्रों और अगले तीन वर्षों में 250 केंद्रों तक पहुंचने का लक्ष्य रखते हैं।

इस कोचिंग संस्थान की कोचिंग पद्धति, जिसे पूर्व विश्व नंबर 1 और ऑल इंग्लैंड चैंपियन प्रकाश पदुकोण के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है, का उद्देश्य स्कूल के बच्चों और कामकाजी पेशेवरों को बैडमिंटन से जोड़ना है। साथ ही, यह प्रणाली उभरते कोचों को प्रमाणित प्रशिक्षण और स्थायी करियर के अवसर प्रदान करती है।

PSB विभिन्न स्कूलों, संस्थानों और मौजूदा खेल स्थलों के साथ साझेदारी करके ग्रासरूट अकादमियों का नेटवर्क तैयार करता है, जो बेंगलुरु के तीन हाई-परफॉर्मेंस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में चलाए जा रहे फ्लैगशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम से जुड़ते हैं।

अब तक 100 से अधिक कोचों को प्रमाणित प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिससे PSB की कोचिंग प्रणाली में गुणवत्ता, निरंतरता और भविष्य के चैंपियनों की पहचान करने की क्षमता सुनिश्चित होती है।

यह पहल देश में बैडमिंटन के विकास और युवाओं को खेल के माध्यम से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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