अरब सागर में तैनात INS विक्रांत पर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, ऑपरेशन सिंदूर में नौसेना की भूमिका को सराहा
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत का दौरा किया, जो इस समय अरब सागर में तैनात है। यह दौरा उस समय हुआ है जब कुछ ही सप्ताह पहले भारतीय नौसेना के कैरीयर बैटल ग्रुप, जिसका नेतृत्व INS विक्रांत कर रहा था, ने ऑपरेशन सिंदूर में निर्णायक भूमिका निभाई थी।
राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की समीक्षा की और उस मिशन में शामिल नौसैनिकों से बातचीत की। रक्षा मंत्री की यह यात्रा ऑपरेशन सिंदूर के सफल परिणामों के बाद सशस्त्र बलों के मनोबल को और ऊंचा करने वाली मानी जा रही है।
“पाकिस्तान को अपनी ही सीमा में समेट दिया गया”
रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर में नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए कहा,
“हमारा हमला इतना प्रभावशाली था कि पाकिस्तान पूरी दुनिया से भारत को रोकने की गुहार लगाने लगा। हमने सैन्य कार्रवाई अपने शर्तों पर रोकी। नौसेना की भूमिका इस पूरे संयुक्त अभियान में गौरवशाली रही। जब वायुसेना ने पाकिस्तानी जमीन पर आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया, उस समय अरब सागर में आपकी तैनाती, समुद्री क्षेत्र में आपकी बेजोड़ पकड़ और श्रेष्ठता ने पाकिस्तानी नौसेना को अपनी सीमा से बाहर निकलने की हिम्मत तक नहीं दी।”
राजनाथ सिंह ने आगे कहा,
“आपकी तैयारी ही दुश्मन का मनोबल तोड़ने के लिए काफी थी। पाकिस्तान को भारतीय नौसेना की शक्ति, सैन्य कौशल और विनाशकारी क्षमता का एहसास हुआ और वे इससे डर गए।”
INS विक्रांत बना रणनीतिक ढाल
रक्षा सूत्रों ने बताया कि INS विक्रांत और उसके साथ तैनात कैरीयर बैटल ग्रुप ने एक रणनीतिक अवरोधक (Strategic Deterrent) की भूमिका निभाई। करीब 8 से 10 युद्धपोतों से सुसज्जित यह ग्रुप — जिसमें विध्वंसक और स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट्स शामिल थे — ने पाकिस्तान को संघर्षविराम की ओर झुकने पर मजबूर कर दिया। पाकिस्तान की नौसेना हालिया संघर्ष के दौरान कराची नौसेना अड्डे तक ही सीमित रही और समुद्र में टकराव से बचती रही।
सूत्रों के अनुसार, तैनात जहाजों में ब्रह्मोस मिसाइलों, मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल्स (MRSAM) और वरुणास्त्र हेवीवेट टॉरपीडो से लैस सात विध्वंसक शामिल थे, जो सतह, वायु और जल के नीचे के खतरों से निपटने में सक्षम हैं।
INS विक्रांत: आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सितंबर 2022 में कमीशन किया गया INS विक्रांत भारत की समुद्री शक्ति और रक्षा आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। लगभग 45,000 टन वजनी यह युद्धपोत ₹20,000 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। इसे भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिज़ाइन ब्यूरो ने डिज़ाइन किया और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने निर्मित किया। INS विक्रांत में 76% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जो रक्षा निर्माण क्षेत्र में भारत की बड़ी छलांग को दर्शाता है।
INS विक्रांत पर तैनात MiG-29K लड़ाकू विमान, और इसका फॉरवर्ड पोस्चर यह दर्शाता है कि भारत किसी भी प्रकार के उकसावे पर निर्णायक जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है — सिर्फ समुद्र में नहीं, बल्कि शत्रु के तटीय ठिकानों पर भी।
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि
ऑपरेशन सिंदूर को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अंजाम दिया गया, जिसमें 26 नागरिकों — जिनमें अधिकतर हिंदू पर्यटक थे — की मौत हो गई थी। इसके जवाब में भारत ने संयुक्त सैन्य अभियान शुरू किया जिसमें नौसेना, वायुसेना और थलसेना ने मिलकर पाकिस्तान पर दबाव बनाया और उसकी आक्रामक मंशाओं को पूरी तरह कुंद कर दिया।