रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ‘रण-संवाद 2025’ में कहा: भारत ने कभी युद्ध नहीं चाहा, लेकिन चुनौती का जवाब मजबूती से देंगे

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को मध्य प्रदेश के महू स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित त्रि-सेवा संगोष्ठी ‘रण-संवाद 2025’ में देश की रक्षा नीति पर स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि भारत ने कभी युद्ध की पहल नहीं की, लेकिन अगर कोई चुनौती देगा, तो उसका जवाब पूरी ताकत से दिया जाएगा।
राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम में कहा, “‘रण-संवाद’ नाम अपने आप में बेहद अर्थपूर्ण है। ‘रण’ युद्ध और संघर्ष का प्रतीक है, जबकि ‘संवाद’ बातचीत और मेल-मिलाप का। ये दोनों शब्द पहली नजर में विरोधाभासी लग सकते हैं, लेकिन वास्तव में ये हमारे समय का गहरा सत्य दर्शाते हैं।” उन्होंने महाभारत का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे युद्ध और संवाद एक साथ संभव हैं।
यह पहला ऐसा आयोजन था, जिसमें थल, वायु और नौसेना—तीनों सेनाओं ने आधुनिक युद्ध और तकनीक पर चर्चा की। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह और नेवी चीफ एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी भी मौजूद थे।
रक्षामंत्री ने कहा, “भारत कभी आक्रामक देश नहीं रहा है, हमने कभी किसी पर पहला हमला नहीं किया। लेकिन आज का भूराजनैतिक परिदृश्य बदला हुआ है। हमें अपनी रक्षा क्षमताओं को निरंतर सशक्त बनाना होगा ताकि कोई भी चुनौती सामने आने पर हम मजबूती से जवाब दे सकें।”
उन्होंने कहा कि आज के युद्ध केवल सैनिकों की संख्या या हथियारों की मात्रा से नहीं जीते जाते। “21वीं सदी में युद्ध का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। अब साइबर युद्ध, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन और सैटेलाइट निगरानी जैसे आयाम निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं।”
राजनाथ सिंह ने कहा कि अब युद्ध केवल जमीन, समुद्र और आकाश तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अंतरिक्ष और साइबर स्पेस भी नए युद्धक्षेत्र बन चुके हैं। उन्होंने बताया कि उपग्रह प्रणाली, एंटी-सैटेलाइट हथियार और अंतरिक्ष कमांड अब शक्ति के नए उपकरण बनते जा रहे हैं।
अपने संबोधन में उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य के युद्ध केवल हथियारों के नहीं होंगे, बल्कि तकनीक, खुफिया जानकारी, अर्थव्यवस्था और कूटनीति मिलकर निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
“जो देश तकनीक, रणनीति और अनुकूलन के त्रिकोण में निपुण होगा, वही भविष्य की वैश्विक शक्ति बनेगा। यह समय इतिहास से सीखने और नया इतिहास रचने का है।”