रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बल दिवस पर आत्मनिर्भर भारत पर दिया जोर

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बल दिवस के अवसर पर अपने भाषण में सरकार की रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि एक समय था जब भारत हथियारों और उपकरणों के निर्माण में पूरी तरह से आयात पर निर्भर था, लेकिन आज देश में एक सांस्कृतिक और औद्योगिक बदलाव देखा जा रहा है।
रक्षा मंत्री ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में भारत के रक्षा उत्पादन का मूल्य 46,000 करोड़ रुपये (2014-15) से बढ़कर 1.51 लाख करोड़ रुपये (2024-25) तक पहुंच गया है, जो 174 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसी तरह, रक्षा निर्यात भी 686 करोड़ रुपये (2013-14) से बढ़कर 23,622 करोड़ रुपये (2024-25) हो गया है। आज भारत 90 से अधिक देशों को रक्षा उपकरण निर्यात करता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सफल सैन्य अभियानों, जैसे ऑपरेशन सिंदूर, को उजागर करते हुए कहा कि देशीय प्लेटफॉर्म की लड़ाकू सत्यापन के बाद न केवल देश की रक्षा क्षमता मजबूत होती है बल्कि यह राष्ट्रीय आत्मविश्वास और भारत को विश्वसनीय सप्लायर के रूप में स्थापित करता है।
सरकार की नीति, जिसमें निजी कंपनियों को रक्षा क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति दी गई, ने औद्योगिक आधार को विस्तारित किया है। साथ ही भारत निर्मित हथियारों को प्राथमिकता देने से रक्षा औद्योगिक इकोसिस्टम में तेजी से विस्तार हुआ है।
रक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि आर्थिक वृद्धि के चलते सरकार के पास अधिक संसाधन उपलब्ध हुए हैं। रक्षा बजट में 2013-14 के 2.53 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2025-26 में 6.81 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
हाल के वर्षों में पूंजीगत खरीद का 75 प्रतिशत हिस्सा घरेलू उद्योग के लिए आरक्षित किया गया है। इस पूर्वानुमेय मांग ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को नई क्षमताओं, तकनीकों और साझेदारियों में निवेश करने के लिए प्रेरित किया है और रक्षा उद्योग के रूपांतरण को गति दी है।
