रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का विपक्ष पर तीखा प्रहार, “ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सवाल उठाकर सेना का मनोबल गिरा रहे हैं”

Defence Minister Rajnath Singh's scathing attack on the opposition, "They are demoralizing the army by questioning the success of Operation Sindoor"चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को लोकसभा में विपक्ष और कांग्रेस पर जोरदार हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सैन्य सफलता को नज़रअंदाज़ कर, भारत की क्षति पर बार-बार सवाल उठाकर सेना का मनोबल गिरा रहे हैं।

लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बहुप्रतीक्षित बहस के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा, “पाकिस्तान भारत की किसी भी रणनीतिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुँचा सका। हमारे सुरक्षा इंतज़ाम अभेद्य थे और हर प्रयास को नाकाम किया गया। मैं भारतीय सैन्य बलों की सराहना करता हूँ और विपक्ष से अनुरोध करता हूँ कि वे तालियां बजाकर उनका सम्मान करें।”

हालांकि, रक्षा मंत्री की इस अपील के बावजूद, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सांसद के.सी. वेणुगोपाल सहित कई प्रमुख विपक्षी नेता शांत बैठे रहे और तालियों में शामिल नहीं हुए।

राजनाथ सिंह ने दोहराया कि ऑपरेशन सिंदूर को किसी भी बाहरी दबाव में नहीं, बल्कि भारत के सभी रणनीतिक और राजनीतिक लक्ष्य पूरे होने के बाद रोका गया।

उन्होंने कहा, “यह सोचना कि यह ऑपरेशन किसी दबाव में रोका गया, पूरी तरह से निराधार है।”

रक्षा मंत्री ने बताया कि 10 मई को पाकिस्तान ने खुद भारतीय डीजीएमओ से संपर्क कर संघर्ष विराम की अपील की थी। भारत ने यह प्रस्ताव स्वीकार किया, लेकिन कड़ा संदेश भी दिया: “ऑपरेशन सिंदूर रोका गया है, समाप्त नहीं हुआ है। यदि उकसाया गया, तो यह दोबारा शुरू होगा।”

कांग्रेस पर सीधा निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “विपक्ष यह पूछता है कि हमारे कितने विमान गिरे। वे यह क्यों नहीं पूछते कि हमने दुश्मन के कितने विमान गिराए? क्या हमने आतंक के ढांचे को तबाह किया? जवाब है – हां।”

उन्होंने आगे कहा, “क्या हमने उन गुनहगारों को खत्म किया जिन्होंने हमारे बहनों-माताओं के माथे से सिंदूर छीन लिया था? जवाब है – हां। और क्या हमारे किसी भी जवान को नुकसान पहुँचा? जवाब फिर है – नहीं।”

राजनाथ सिंह ने विपक्ष को चेताते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर “छोटे-मोटे विवरणों” में उलझना ठीक नहीं है।

“विपक्ष के कुछ साथी सही सवाल नहीं पूछ पा रहे हैं,” उन्होंने कहा।

अपने वक्तव्य के अंत में रक्षा मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा, “1971 की युद्ध विजय के बाद जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब हमने सरकार की प्रशंसा की थी, सवाल नहीं उठाए। हमने कभी नहीं पूछा कि कौन सत्ता में है या किस विचारधारा से है। हमने देश के साथ खड़े होकर सेना का सम्मान किया था।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *