लॉर्ड्स टेस्ट में शानदार पारी के बावजूद जडेजा पर उठे सवाल, पुजारा ने किया बचाव

Despite a brilliant innings in the Lord's Test, questions were raised on Jadeja, Pujara defended himचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: लॉर्ड्स टेस्ट में भारत की ओर से सबसे शानदार प्रदर्शन करने वाले रविंद्र जडेजा एक ओर जहां सराहना बटोर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके धीमे खेलने के अंदाज को लेकर कुछ दिग्गजों ने सवाल भी खड़े कर दिए हैं। इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में टीम इंडिया 22 रन से हार गई, और इंग्लैंड सीरीज़ में 2-1 से आगे निकल गया। जडेजा ने 181 गेंदों पर नाबाद 61 रन की जुझारू पारी खेली, लेकिन इंग्लैंड ने भारत के बाकी 10 बल्लेबाज़ों को आउट कर मैच अपने नाम कर लिया।

भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों जैसे अनिल कुंबले, सुनील गावस्कर, रविचंद्रन अश्विन और सौरव गांगुली ने जडेजा की तारीफ तो की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि उन्हें विशेषकर स्पिनर शोएब बशीर के खिलाफ थोड़ा आक्रामक रुख अपनाना चाहिए था।

हालांकि, टीम इंडिया के अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा जडेजा की आलोचना से सहमत नहीं हैं। उन्होंने जडेजा का बचाव करते हुए कहा, “वो उस पिच पर तेज़ी से रन नहीं बना सकते थे। गेंद नरम हो गई थी और पिच भी धीमी हो चुकी थी। मुझे लगता है जडेजा ने सोचा होगा कि टेलएंडर अच्छा खेल रहे हैं और टीम लक्ष्य के करीब पहुंच रही है। जैसे ही जीत का लक्ष्य पास आता, वह बड़ा शॉट खेलने की कोशिश करते।”

पुजारा ने कहा कि जडेजा ने रणनीति के तहत हर ओवर की पांचवीं या छठी गेंद पर सिंगल लेकर बुमराह या सिराज को स्ट्राइक नहीं दी ताकि वे ज्यादा गेंदों का सामना न करें। “वो अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे। यह पिच पर रन बनाना बहुत मुश्किल था,” पुजारा ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा।

हालांकि पुजारा ने यह भी माना कि जडेजा कुछ हद तक मिड-ऑफ और कवर के बीच के गैप में शॉट खेलने की कोशिश कर सकते थे, जिससे उन्हें बाउंड्री निकालने का मौका मिल सकता था।

जडेजा की बल्लेबाज़ी में पिछले कुछ वर्षों में आए सुधार की भी पुजारा ने तारीफ की। उन्होंने कहा, “पिछले पांच सालों में उन्होंने खासकर विदेशी पिचों पर अपने खेल में काफी सुधार किया है। वह नियमित तौर पर नेट्स में अभ्यास करते हैं और अब तेज़ गेंदबाज़ी के खिलाफ भी बेहतर खेल दिखा रहे हैं।”

पुजारा ने बताया कि पहले जडेजा की सबसे बड़ी चुनौती अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में तब्दील करना था, लेकिन अब वह इसे लेकर ज्यादा गंभीर दिख रहे हैं। “अगर कोई खिलाड़ी फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 300 रन बना सकता है, तो उसमें ज़रूर कौशल होता है। अब वही कौशल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नज़र आ रहा है,” पुजारा ने कहा।

पुजारा, जो रणजी ट्रॉफी में सौराष्ट्र के लिए जडेजा के साथ खेल चुके हैं, यह देखकर प्रभावित हैं कि अब जडेजा इंग्लैंड जैसी कठिन परिस्थितियों में भी सीम गेंदबाज़ों का आत्मविश्वास से सामना कर रहे हैं।

रविंद्र जडेजा की जुझारू पारी को जहां एक तरफ दिग्गजों ने संयमहीन कहा, वहीं चेतेश्वर पुजारा ने उनके दृष्टिकोण को सही ठहराते हुए कहा कि उनकी बल्लेबाज़ी में निरंतर सुधार हुआ है, जो उनकी मेहनत का नतीजा है।

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