डायमंड लीग: पूरी तरह तैयार हैं नीरज चोपड़ा, 90 मीटर के प्रदर्शन से फिर रच सकते हैं इतिहास

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा एक बार फिर डायमंड लीग ट्रॉफी जीतने की ओर बढ़ते नज़र आ रहे हैं। इस सीज़न में उन्होंने जो 90 मीटर का शानदार थ्रो किया था, उसे दोहराने की पूरी कोशिश करेंगे जब गुरुवार को प्रतिष्ठित डायमंड लीग का फाइनल मुकाबला ज़्यूरिख के लेट्जिग्रुंड स्टेडियम में होगा।
नीरज ने इस सीज़न की चार डायमंड लीग मीटिंग्स में से सिर्फ दो में हिस्सा लिया, फिर भी 15 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालिफाई कर लिया। उन्होंने 16 अगस्त को साइल्सिया और 22 अगस्त को ब्रसेल्स लेग को स्किप किया था।
DL फाइनल में होंगे दुनिया के बेहतरीन जैवेलिन थ्रोअर
नीरज को फाइनल में कड़ी टक्कर देने उतरेंगे डिफेंडिंग चैंपियन एंडरसन पीटर्स (ग्रेनेडा) और 91.06 मीटर के सीजन बेस्ट के साथ जर्मनी के जूलियन वेबर। इनके अलावा केन्या के जूलियस येगो, त्रिनिदाद के केशोर्न वाल्कॉट, मोल्दोवा के एंड्रियन मारदारे, और स्विट्ज़रलैंड के साइमन वीलैंड भी मैदान में होंगे।
एंडरसन पीटर्स दो बार के विश्व चैंपियन हैं, लेकिन इस साल उनका फॉर्म कमजोर रहा है। वहीं, वेबर ने इस साल 16 मई को दोहा DL में 91.06 मीटर का थ्रो कर नीरज को हराया था।
नीरज ने दोहा DL में 90.23 मीटर का थ्रो कर अपने करियर का लक्ष्य पूरा किया था, हालांकि वेबर से पीछे रहकर दूसरे स्थान पर रहे। इसके बाद 20 जून को पेरिस DL में 88.16 मीटर का थ्रो कर जीत दर्ज की, जबकि वेबर 87.88 मीटर के साथ दूसरे स्थान पर रहे।
इस तरह दोनों खिलाड़ियों ने इस सीज़न में एक-दूसरे के खिलाफ एक-एक मुकाबला जीता है और अब ज़्यूरिख में फाइनल मुकाबले में निर्णायक भिड़ंत देखने को मिलेगी।
नीरज ने आखिरी बार 5 जुलाई को बेंगलुरु में NC Classic में हिस्सा लिया था, जिसे उन्होंने 86.18 मीटर के थ्रो के साथ जीता था।
चुनौतीपूर्ण होगा वर्ल्ड चैंपियनशिप से पहले का यह मुकाबला
अगर नीरज गुरुवार को जीत दर्ज करते हैं तो वह 2022 के बाद दूसरी बार डायमंड लीग चैंपियन बन जाएंगे। वे 2023 में वाडलेइच और 2024 में पीटर्स से हारकर रनर-अप रहे थे।
यह जीत न केवल ट्रॉफी लाएगी, बल्कि टोक्यो में अगले महीने होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए एक बड़ा मनोबल भी देगी, जहां प्रतिस्पर्धा और ज़्यादा कड़ी होगी।
पिछले महीने नीरज ने बताया था कि वह अपने कोच जान ज़ेलेज़नी के साथ अपनी तकनीक पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा था, “मुझे अपनी रन-अप, स्ट्रेट थ्रो और ब्लॉकिंग लेग्स पर काम करना है। मैं थ्रो करते वक्त जल्दी बाईं तरफ चला जाता हूं, जबकि मुझे सीने के बल सीधे और ऊपर फेंकने की ज़रूरत है। हम इस पर काम कर रहे हैं।”
अब देखना दिलचस्प होगा कि नीरज इन तकनीकी सुधारों के साथ क्या डायमंड लीग ट्रॉफी फिर से भारत ला पाते हैं या नहीं।