दिनेश कार्तिक का खुलासा: “धोनी ने मुझे गिरगिट बना दिया, टीम में जगह के लिए हर भूमिका अपनानी पड़ी”

Dinesh Karthik reveals: "Dhoni made me a chameleon, I had to adopt every role to find a place in the team"
(File Photo/BCCI Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: भारत के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने एमएस धोनी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि धोनी के भारतीय टीम में आने के बाद उन्हें हर भूमिका निभानी पड़ी, जिससे वो टीम में अपनी जगह बना सकें। उन्होंने मजाकिया अंदाज़ में खुद को “गिरगिट” कहा, क्योंकि उन्हें हालात के अनुसार खुद को ढालना पड़ता था।

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2025 में बोलते हुए कार्तिक ने बताया कि भले ही उन्होंने धोनी से तीन महीने पहले 2004 में भारत के लिए डेब्यू किया था, लेकिन धोनी ने अपनी धमाकेदार बल्लेबाज़ी से इतनी तेज़ी से टीम में जगह बना ली कि कार्तिक के लिए टीम में टिके रहना चुनौती बन गया।

कार्तिक ने कहा, “मैंने धोनी को ज्यादा खेलते नहीं देखा था, लेकिन जब हम A सीरीज़ के लिए केन्या गए थे, तो सभी सिर्फ उसी के बारे में बात कर रहे थे। उसकी बल्लेबाज़ी में जो पावर था, वैसा किसी ने नहीं देखा था। लोग उसे गैरी सोबर्स जैसा बता रहे थे, जो बड़े-बड़े छक्के लगाने के लिए जाने जाते थे। उसकी तकनीक अलग थी, लेकिन जो ताकत वो गेंद पर लगाता था, वो सबको हैरान कर देती थी।”

उन्होंने आगे बताया कि उस समय भारत राहुल द्रविड़ से विकेटकीपिंग करवा रहा था, लेकिन द्रविड़ ने बाद में कहा कि वो अब सिर्फ बल्लेबाज़ी पर ध्यान देना चाहते हैं। इसके बाद एक स्थायी विकेटकीपर की तलाश शुरू हुई और कार्तिक को कुछ समय के लिए मौका मिला, लेकिन असली भूमिका धोनी के लिए तय थी।

“मैं तो जैसे फिल्म में गेस्ट अपीयरेंस कर रहा था, लेकिन लीड रोल तो धोनी का ही था। जब वो आया, तो उसने न सिर्फ भारत को प्रभावित किया, बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया,” कार्तिक ने कहा।

कार्तिक ने बताया कि धोनी की सफलता ने उन्हें खुद के अंदर झांकने पर मजबूर कर दिया और तब उन्होंने खुद को अलग-अलग भूमिकाओं में ढालना शुरू किया।

“जब ऐसा खिलाड़ी आता है, तो आपको खुद से सवाल करना पड़ता है, मैं अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता कैसे दिखा सकता हूं? अगर ओपनिंग स्लॉट खाली होता, तो मैं तमिलनाडु वापस जाकर कहता, सर, क्या मैं ओपन कर सकता हूं? मिडिल ऑर्डर में जगह होती, तो वहां बल्लेबाज़ी की कोशिश करता। हमेशा इस कोशिश में रहता कि किसी तरह टीम में अपनी जगह बना सकूं। लेकिन असली मुश्किल थी उस जगह को बरकरार रखना। मैंने खुद पर इतना दबाव डाल लिया था कि कई बार मैं वही नहीं कर पाया जो जरूरी था,” कार्तिक ने बताया।

दिनेश कार्तिक के इस बयान से साफ है कि धोनी की मौजूदगी ने भारतीय क्रिकेट में सिर्फ मैच विजेता नहीं बल्कि दूसरे खिलाड़ियों को भी नई दिशा दी, या यूं कहें, मजबूर किया कि वे खुद को पूरी तरह बदल डालें।

 

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