शिक्षकों की मांगों को लेकर डूटा ने की हड़ताल, यू.जी.सी. पर प्रदर्शन

MP Sanjay Singh wrote a letter to the President regarding the formation of governing body in 28 colleges of DUचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) ने कार्यरत तदर्थ शिक्षकों के समायोजन, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, EWS शिक्षण पदों को तत्काल मंजूरी देने, विसंगति समिति की रिपोर्ट को लागू कराने के लिए डी.यू. में एक दिवसीय हड़ताल की और यू जी सी पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। समय पर वेतन देने, पदोन्नति में शोध पत्र प्रकाशन/पीएच.डी. में एकमुश्त छूट सहित कई मांगों को लेकर बड़ी संख्या में शिक्षकों ने डूटा के बैनर पर हुए प्रदर्शन में भागीदारी की।

शिक्षकों को संबोधित करते हुए डूटा के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार भागी ने कहा कि डी.यू. के कॉलेजों/विभागों में चल रहे साक्षात्कारों में लंबे समय से कार्यरत एडहॉक शिक्षकों के विस्थापन पर तत्काल रोक लगाई जाए। लंबे समय से सेवा कर रहे शिक्षकों का विस्थापन अमानवीय है। तदर्थ शिक्षकों के विस्थापन से कार्यरत तदर्थ शिक्षक समुदाय के बीच सामाजिक असुरक्षा और भय को बढ़ावा मिलता है।  विस्थापन शैक्षणिक वातावरण के हित में बिल्कुल नहीं है क्योंकि शिक्षकों और विश्वविद्यालय प्रशासन से एक दूसरे के साथ मिलकर काम करने की अपेक्षा की जाती है। डूटा अध्यक्ष ने पुन: शिक्षकों के समायोजन की मांग के प्रति डूटा की प्रतिबद्धता को दोहराया।

डूटा अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार भागी ने शिक्षकों के लम्बे समय से बकाया जल्द से जल्द दिए जाने पर जोर दिया। प्रो. भागी ने केंद्र व दिल्ली सरकार से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण को लागू करने के चलते बढ़े हुए शिक्षक पदों को भी तत्काल जारी करने की भी मांग की।

डूटा अध्यक्ष प्रो. भागी ने विगत कई वर्षों से डी.यू. के कॉलेजों में ग्रांट मिलने में हो रही देरी पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि डूटा इस मुद्दे पर काफी गंभीर है। उन्होंने आगे कहा कि ग्रांट को नियमित करने के मुद्दे पर कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी ताकि सभी शिक्षकों को समय पर वेतन और सेवानिवृत्त शिक्षकों को पेंशन मिल सके। पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली के मुद्दे पर, डूटा अध्यक्ष ने कहा कि अब समय आ गया है कि एनपीएस को ओपीएस में परिवर्तित किया जाना चाहिए।

डूटा के सचिव सुरेंद्र सिंह ने फिजिकल एजुकेशन टीचर्स के साथ भेदभाव के मुद्दे पर  गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अन्य शिक्षकों की तरह शारीरिक शिक्षा शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष होनी चाहिए। डॉ. सिंह ने आगे मांग की कि शारीरिक शिक्षा, शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति में निदेशक पद के लिए लिखित परीक्षा का प्रावधान तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।

डूटा के उपाध्यक्ष प्रो. प्रदीप कुमार ने कहा कि शिक्षक समुदाय के खिलाफ किसी भी तरह के अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके खिलाफ डटकर मुकाबला किया जाएगा। डूटा के कोषाध्यक्ष डॉ. चमन सिंह ने कहा कि विसंगति समिति की रिपोर्ट को उसके सही तरीके से लागू किया जाना चाहिए ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *