चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के ‘मैच-फिक्सिंग’ आरोपों को बताया ‘पूरी तरह से बेबुनियाद’, अप्रैल में जारी दस्तावेज दोबारा साझा किया

EC calls Rahul Gandhi's 'match-fixing' allegations 'totally baseless', re-shares document released in April
(Screenshot/Twitter/Video)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में “मैच-फिक्सिंग” के ताजा आरोपों पर चुनाव आयोग ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने अप्रैल 2025 में जारी किए गए एक दस्तावेज को फिर से साझा करते हुए कहा कि राहुल गांधी के आरोप “पूरी तरह से बेबुनियाद और तथ्यहीन” हैं।

राहुल गांधी का आरोप

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में शनिवार को प्रकाशित एक ओप-एड लेख में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना की गठबंधन को भारी हार का सामना करना पड़ा, जबकि कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनावों में इस गठबंधन का प्रदर्शन बीजेपी गठबंधन से बेहतर रहा था।

महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से कांग्रेस गठबंधन को सिर्फ 46 सीटें मिलीं, जबकि भाजपा को 132 सीटें और उसकी सहयोगी शिवसेना और एनसीपी के धड़े मिलाकर 98 सीटें हासिल हुईं।

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की नियुक्ति में धांधली की गई, मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़े गए, मतदान प्रतिशत को कृत्रिम रूप से बढ़ाया गया, फर्जी मतदान कराया गया और साक्ष्य को छिपाया गया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा:

“चुनाव कैसे चुराया जाता है? महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 लोकतंत्र को हाईजैक करने का ब्लूप्रिंट था। मेरी रिपोर्ट दिखाती है कि यह कैसे हुआ, स्टेप बाय स्टेप।”

चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया

आयोग ने अपने जवाब में कहा कि मतदान के समय कांग्रेस या उसके पोलिंग एजेंटों की ओर से किसी भी गंभीर अनियमितता की शिकायत नहीं की गई थी।

“हर मतदान केंद्र पर वोटिंग, राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त अधिकृत पोलिंग एजेंटों की उपस्थिति में हुई। कांग्रेस या उसके उम्मीदवारों ने किसी भी असामान्य मतदान के बारे में न तो रिटर्निंग ऑफिसर (RO) को और न ही चुनाव पर्यवेक्षकों को कोई ठोस शिकायत दी,” आयोग ने अपने बयान में कहा।

चुनाव आयोग के अनुसार, अंतिम मतदाता सूची में शामिल नामों के खिलाफ बहुत कम संख्या में आपत्तियां दर्ज कराई गईं। आयोग ने बताया:

“महाराष्ट्र चुनाव के दौरान 9,77,90,752 मतदाताओं के मुकाबले केवल 89 अपीलें प्रथम अपीलीय प्राधिकारी (जिला कलेक्टर) के समक्ष और केवल 1 अपील द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी (मुख्य निर्वाचन अधिकारी) के समक्ष दाखिल की गई। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस या अन्य किसी दल को चुनाव से पहले मतदाता सूची को लेकर कोई बड़ी आपत्ति नहीं थी।”

‘तथ्यों की अनदेखी’

आयोग ने कांग्रेस को फटकार लगाते हुए कहा कि 27,099 बूथ स्तर एजेंट्स सिर्फ कांग्रेस ने ही नियुक्त किए थे, फिर भी अब बिना आधार के आरोप लगाना “कानून के शासन का अपमान” है।

“ये तथ्य आयोग ने 24 दिसंबर 2024 को कांग्रेस को भेजे गए अपने विस्तृत जवाब में पहले ही स्पष्ट कर दिए थे, जो आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। अब इन तथ्यों की बार-बार अनदेखी कर के वही आरोप दोहराए जा रहे हैं,” आयोग ने कहा।

चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ सूत्र ने भी कहा, “महाराष्ट्र के एक लाख से अधिक बूथ स्तर के अधिकारी अब भी इंतजार कर रहे हैं कि ये ‘जंगली आरोप’ कभी तो कानूनन अपील में बदलें, जैसा कि RP एक्ट 1950 की धारा 24 में प्रावधान है।”

अंत में आयोग ने यह भी जोड़ा कि भारत में चुनाव कानून के अनुसार, पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से” आयोजित किए जाते हैं, जिनकी सराहना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होती है।

“चुनाव परिणाम अगर विपक्ष के पक्ष में नहीं आते तो आयोग को बदनाम करना सरासर अनुचित और तथ्यहीन है।”

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