चुनाव आयोग ने शुरू किया मतदाता सूची शुद्धिकरण अभियान का दूसरा चरण, 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चलेगा विशेष पुनरीक्षण अभियान
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने मंगलवार से विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR 2.0) के दूसरे चरण की शुरुआत की है। यह राष्ट्रव्यापी अभियान नौ राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों में चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य देश की मतदाता सूची को अधिक सटीक, पारदर्शी और विश्वसनीय बनाना है।
यह अभियान आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए मतदाता सूची की सफाई (voters’ list clean-up) के रूप में संचालित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि यह चरण बिहार विधानसभा चुनावों के पहले चरण से दो दिन पूर्व शुरू हुआ है, जहां हाल ही में ऐसा ही पुनरीक्षण कार्य पूरा हुआ था।
बिहार में इस प्रक्रिया के दौरान 68 लाख से अधिक नाम मतदाता सूची से हटाए गए, जिनमें डुप्लीकेट, स्थानांतरित या मृत मतदाता शामिल थे।SIR 2.0 अभियान के इस चरण में करीब 51 करोड़ मतदाता शामिल होंगे। यह अभियान तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप में चलाया जा रहा है।
इनमें से तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में 2026 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।
कार्यक्रम की समयरेखा
मतगणना (Enumeration) प्रक्रिया: 4 नवंबर 2025 से 4 दिसंबर 2025 तक
ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी: 9 दिसंबर 2025
दावे और आपत्तियाँ दर्ज करने की अवधि: 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक
सुनवाई और सत्यापन कार्य: 31 जनवरी 2026 तक
अंतिम मतदाता सूची प्रकाशन: 7 फरवरी 2026
आयोग का दृष्टिकोण
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने अक्टूबर में एक प्रेस ब्रीफिंग में बिहार में पहले चरण की सफलता की सराहना की थी। उन्होंने कहा कि SIR एक “शुद्धिकरण अभियान” है, जो मतदाता सूची की अखंडता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के बाद 1951 से 2004 के बीच ऐसे आठ विशेष पुनरीक्षण अभियान आयोजित किए गए, जबकि पिछले दो दशकों से यह प्रक्रिया नहीं हुई थी। राजनीतिक दल लंबे समय से आयोग से इस तरह के नियमित सत्यापन की मांग करते आ रहे हैं, ताकि केवल वास्तविक मतदाता ही मतदान प्रक्रिया में भाग लें।
प्रक्रिया का विवरण
CEC ने स्पष्ट किया कि इस अभियान के तहत गणना प्रपत्र (Enumeration forms) सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में वितरित किए जाएंगे। प्रक्रिया शुरू होने के बाद उन क्षेत्रों की मतदाता सूची को अस्थायी रूप से स्थिर (freeze) कर दिया जाएगा, ताकि संशोधन और सत्यापन कार्य सटीक रूप से पूरा किया जा सके।
यह विशेष पुनरीक्षण अभियान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
