विदेश मंत्री जयशंकर ने यूक्रेन के विदेश मंत्री से बात की, संघर्ष से जुड़े ताज़ा घटनाक्रम पर चर्चा की
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्री (EAM) डॉ. एस. जयशंकर ने रविवार को यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रियी सिबिहा के साथ फोन पर बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने रूस–यूक्रेन संघर्ष से जुड़ी ताज़ा परिस्थितियों पर चर्चा की।
जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर बताया, “यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रियी सिबिहा के साथ टेलीफ़ोन पर बातचीत की। यूक्रेन संघर्ष से संबंधित नवीनतम घटनाक्रम पर उनकी जानकारी की सराहना करता हूँ। भारत इस संघर्ष के शीघ्र अंत और स्थायी शांति की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध है।”
दोनों मंत्रियों की मुलाकात इससे पहले नवंबर में कनाडा में हुए G7 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान हुई थी, जहाँ द्विपक्षीय संबंधों, शांति के रास्ते और युद्धक्षेत्र की स्थिति पर बातचीत हुई थी। भारत लगातार यह रुख दोहराता रहा है कि सिर्फ़ संवाद और कूटनीति ही इस संघर्ष का न्यायपूर्ण और स्थायी समाधान दे सकते हैं।
यूक्रेन में संकट गहराया, ज़ेलेंस्की का कड़ा संदेश
एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने चेतावनी दी है कि देश “हमारे इतिहास के सबसे कठिन क्षणों में से एक” से गुजर रहा है। यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका ने कीव से आग्रह किया है कि वह एक ऐसे शांति-प्रस्ताव पर विचार करे जिसे यूक्रेन में कई लोग मास्को के हितों की ओर झुका हुआ मानते हैं।
वॉशिंगटन ने कीव से 27 नवंबर तक इस प्रस्ताव पर अपना आधिकारिक जवाब देने को कहा है। वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस मसौदे को संभावित “आधार” बताया है।
राष्ट्र को संबोधित करते हुए ज़ेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन “एक कठिन विकल्प” का सामना कर सकता है — “या तो गरिमा खोएँ, या एक प्रमुख सहयोगी को खोने का जोखिम उठाएँ।” उन्होंने कहा कि देश अपनी स्वतंत्रता और सम्मान की रक्षा करेगा तथा अमेरिका के साथ रचनात्मक रूप से काम जारी रखेगा।
मसौदा अमेरिका द्वारा तैयार, रूस–यूक्रेन की राय शामिल
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि रूस–यूक्रेन शांति प्रस्ताव अमेरिका द्वारा तैयार किया गया है, जिसमें मॉस्को और कीव दोनों के सुझाव शामिल किए गए हैं। जिनेवा रवाना होते समय रुबियो ने दोहराया कि दस्तावेज़ का मसौदा पूरी तरह से अमेरिका ने बनाया है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने भी यह कहा कि यह ढाँचा अमेरिका द्वारा तैयार किया गया है और इसमें दोनों देशों की राय शामिल है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्पष्ट किया है कि रूस–यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए प्रस्तावित अमेरिकी शांति-योजना “उनका अंतिम प्रस्ताव नहीं” है। उन्होंने कहा कि यदि ज़ेलेंस्की इस योजना को स्वीकार नहीं करते, तो वे “जितना चाहें लड़ सकते हैं।”
ट्रम्प ने ज़ोर देकर कहा कि वे किसी भी तरह इस युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं और दावा किया कि अगर वे 2022 में राष्ट्रपति होते, तो यह युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता।
