महिलाओं की शिकायतों पर नहीं हो रही एफआईआर, पुलिस नहीं ले रही छेड़खानी को गंभीरता से

FIRs are not being filed on complaints of women, police is not taking molestation seriouslyचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: दिल्ली के द्वारका सेक्टर-7 की तीन महिलाओं की शिकायत के बावजूद पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। महिलाओं की शिकायत उनकी सुरक्षा से जुड़ी है। उन्होंने एसएचओ और पुलिस उपायुक्त दोनों से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उपायुक्त ने द्वारका सेक्टर-9 थाने के प्रभारी को तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए थे, लेकिन एसएचओ ने इसे नजरअंदाज कर दिया। पीड़ित महिलाएँ पुलिस की उदासीनता को दुर्भाग्यपूर्ण मान रही हैं और आशंका जता रही हैं कि पुलिस किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है।

मामला द्वारका सेक्टर-7 की मीडिया सोसायटी का है, जहाँ तीन महिलाएँ – रानू, सविता और मंजू (बदले हुए नाम) मानसिक उत्पीड़न और निजता के उल्लंघन का सामना कर रही हैं। इनका आरोप है कि सोसायटी के ही निवासी संजय झा की संदिग्ध गतिविधियों से उन्हें खतरा है।

रानू और मंजू ने पहले सोसायटी अध्यक्ष को शिकायत दी थी, लेकिन जब कोई हल नहीं निकला, तो वे पुलिस और महिला आयोग (दिल्ली और राष्ट्रीय) तक पहुँचीं। शिकायत के अनुसार, संजय झा पार्किंग में उनकी कार और चलते-फिरते उनकी तस्वीरें खींचते हैं और निजी जानकारी दूसरों तक भेजते हैं। उन्होंने कई बार अशोभनीय टिप्पणियाँ भी की हैं।

मंजू की माँ की गंभीर बीमारी और निधन का संबंध भी इस मानसिक उत्पीड़न से जोड़ा जा रहा है। उनकी माँ को जब पता चला कि संजय झा उनकी बेटी को परेशान कर रहे हैं, तो वे तनाव में रहने लगीं। लंबे समय तक तनाव सहने के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई और 26 दिसंबर 2024 को उनका निधन हो गया।

रानू ने अपनी शिकायत में बताया कि सोसायटी गेट के सामने उन पर हमला हुआ था। उनके पति अधिकतर काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं, जिससे वे असुरक्षित महसूस करती हैं। उनका आरोप है कि संजय झा से उन्हें और उनके परिवार को जान का खतरा है।
सविता ने शिकायत में निजता हनन और अश्लील फब्तियों का उल्लेख किया है। मंजू ने आरोप लगाया कि संजय झा, जो ए-603 में रहते हैं, उन्हें लंबे समय से परेशान कर रहे हैं। वह उनकी कार की तस्वीरें खींचकर दूसरों को भेजते हैं। शिकायत के बावजूद पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है।

तीनों महिलाओं ने अब मिलकर आपराधिक मानसिकता के खिलाफ लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि पुलिस की अनदेखी और ढुलमुल रवैये के बावजूद वे तब तक संघर्ष जारी रखेंगी, जब तक दोषी के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं होती।

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