500 करोड़ रुपये के अंडमान एवं निकोबार बैंक धोखाधड़ी मामले में पूर्व सांसद, 2 अन्य गिरफ्तार
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में एक पूर्व सांसद समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
जांच एजेंसी के कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व सांसद और अंडमान और निकोबार राज्य सहकारी बैंक (एएनएससीबीएल) के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप राय शर्मा, एएनएससीबीएल के प्रबंध निदेशक के. मुरुगन और एएनएससीबीएल के ऋण अधिकारी के. कलैवानन को गिरफ्तार किया है।
ये गिरफ्तारियाँ 17 सितंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत की गईं। पीएमएलए के तहत एक विशेष अदालत ने कुलदीप राय शर्मा और कलैवानन को आठ दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया है। केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में ईडी द्वारा की गई ये पहली गिरफ्तारियाँ हैं।
ईडी की जाँच अंडमान और निकोबार पुलिस के अपराध और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा कई निजी व्यक्तियों और एएनएससीबीएल अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई एक प्राथमिकी पर आधारित है।
ईडी के अनुसार, शर्मा के नेतृत्व में बैंक अधिकारियों ने कथित तौर पर 100 से ज़्यादा फ़र्ज़ी कंपनियाँ बनाईं और बैंकिंग मानदंडों का घोर उल्लंघन करते हुए ऋण स्वीकृत किए। 500 करोड़ रुपये से ज़्यादा के ये ऋण कथित तौर पर निजी फ़ायदों के लिए डायवर्ट किए गए। जाँचकर्ताओं का कहना है कि लगभग 230 करोड़ रुपये शर्मा और उनके करीबी सहयोगियों के फ़ायदे के लिए गबन किए गए।
साक्ष्य बताते हैं कि मुरुगन और कलैवानन ने भी अपने रिश्तेदारों के नाम पर धोखाधड़ी से ऋण लिए और 5 प्रतिशत कमीशन के बदले अपने सहयोगियों को ऋण दिलवाए, जो अक्सर नकद या फ़र्ज़ी कंपनियों के ज़रिए वसूला जाता था।
इससे पहले, एजेंसी ने 31 जुलाई और 1 अगस्त को श्री शर्मा और उनके साथियों से जुड़ी फ़र्ज़ी कंपनियों को निशाना बनाकर 21 जगहों पर तलाशी ली थी। धन के और डायवर्जन का पता लगाने के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तीन ठिकानों पर नए सिरे से तलाशी चल रही है।
