गौतम गंभीर ने बतौर कोच अपनी सोच साझा की: “मेरे लिए फर्स्ट-क्लास क्रिकेट सबसे अहम फॉर्मेट है”
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने अपनी कोचिंग सोच को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि उनके लिए फर्स्ट-क्लास क्रिकेट सबसे महत्वपूर्ण फॉर्मेट है और टीम के ड्रेसिंग रूम कल्चर को लेकर हर किसी की राय उनके लिए मायने रखती है। गंभीर, इंग्लैंड के खिलाफ चल रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ के दौरान लॉर्ड्स टेस्ट में Sony Sports Network से बात कर रहे थे। वह अपने पूर्व साथी चेतेश्वर पुजारा से बातचीत कर रहे थे, जो अब कमेंटेटर की भूमिका में हैं।
गंभीर ने कहा, “शायद यह पहली बार है कि सभी तीनों विभागों (बैटिंग, बॉलिंग, फील्डिंग) में ट्रांजिशन एक साथ हो रहा है। मेरे लिए सबसे जरूरी फॉर्मेट फर्स्ट-क्लास क्रिकेट है, खासकर घरेलू क्रिकेट में।”
उन्होंने आगे कहा, “यह टीम और मेरे लिए हर दिन ग्रो करने, सीखने और कॉम्पिट करने का समय है। यह हर दिन की लड़ाई है। और यह हर दिन तिरंगे का प्रतिनिधित्व करने की भावना है। गौतम गंभीर जरूरी नहीं है, भारतीय क्रिकेट जरूरी है। ड्रेसिंग रूम की संस्कृति पर हर किसी की राय मायने रखती है और मेरे लिए हर राय अहम है।”
गंभीर ने अपने परिवार की भूमिका पर भी बात की, खासकर तब जब वह अपनी बीमार मां के लिए पहला टेस्ट छोड़कर भारत लौट आए थे। उन्होंने कहा, “परिवार की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, लेकिन आपको यह समझना होता है कि आप यहां एक मकसद से हैं। मेरे लिए हर दिन एक स्विच-ऑन मोमेंट होता है।”
हालांकि गौतम गंभीर ने बतौर कोच सफेद गेंद (white-ball) क्रिकेट में शानदार सफलता पाई है — जैसे कि भारत को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 जिताना और सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में युवा टी20 टीम को ऊंचाइयों तक पहुंचाना — लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनकी कोचिंग अब तक ज्यादा सफल नहीं रही है।
भारत ने उनके नेतृत्व में पिछला घरेलू टेस्ट सीरीज़ 12 साल बाद न्यूजीलैंड से 0-3 से गंवाया, और फिर ऑस्ट्रेलिया से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी 1-3 से हार कर गवां दी। इस वजह से भारत आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में लगातार तीसरी बार पहुंचने से चूक गया।
अब तक गौतम गंभीर के कोचिंग कार्यकाल में भारत ने 12 टेस्ट मैचों में से सिर्फ 4 में जीत दर्ज की है, जबकि 7 मैच हारे हैं और 1 ड्रॉ रहा है।